लद्दाख के गलवान इलाक़े में भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प में जवानों के शहीद होने पर आज पहली बार बयान आया है। उन्होंने कहा है कि जवानों की शहादत दुखद और पीड़ादायक है। उन्होंने कहा कि उनके बलिदान को याद रखा जाएगा। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर लोग इसके लिए आलोचना कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री सहित तमाम मंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई। यह आरोप लगाकर भी मंत्रियों की आलोचना की जा रही है कि चीन से लगी सीमा पर वास्तविक स्थिति देश को नहीं बताई जा रही है। आज सुबह ही कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भी इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है।
The Nation will never forget their bravery and sacrifice. My heart goes out to the families of the fallen soldiers. The nation stand shoulder to shoulder with them in this difficult hour. We are proud of the bravery and courage of India’s breavehearts.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 17, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में आगे कहा, 'देश उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरा दिल हताहत सैनिकों के परिवारों के साथ है। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के वीरों के शौर्य और साहस पर गर्व है।'
बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि की है। इनमें एक आर्मी अफ़सर भी शामिल हैं। यह झड़प सोमवार यानी 15 जून की रात को हुई थी। झड़प के दौरान पत्थरों, धातु के टुकड़ों का इस्तेमाल दोनों ओर से किया गया लेकिन गोली नहीं चली है।
यह ख़बर आने के बाद रात को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर, चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत मौजूद रहे। मंगलवार को दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर ने हालात पर चर्चा की। इस दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत, आर्मी प्रमुख, एयर फ़ोर्स और नेवी के प्रमुख भी मौजूद थे।
हालाँकि इसके बावजूद सरकार की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया। सिर्फ़ सेना की ओर से बयान जारी कर जानकारी दी गई थी कि भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं और चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं।
सरकार द्वारा देश को सीमा पर स्थिति के बारे में जानकारी नहीं देने को लेकर सरकार की आलोचना भी की जा रही है। सोशल मीडिया पर नागरिक समाज और कार्यकर्ता तो सवाल पूछ ही रहे हैं विपक्ष भी सरकार से जवाब माँग रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार से कहा है कि चीन की आक्रामकता के ख़िलाफ़ दृढ़ता से खड़ा रहा जाए। इसके साथ ही इन दलों ने यह साफ़ करने को कहा है कि सीमा पर बनी वास्तविक स्थिति को देश को बताया जाए।
कांग्रेस नेता ने सैनिकों के शहीद होने के मामले में बुधवार को नये सिरे से सीधे प्रधानमंत्री मोदी को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इस मामले में ट्वीट कर कई सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, 'पीएम चुप क्यों हैं? वह क्यों छिप रहे हैं? अब बहुत हो गया है। हमें यह जानना होगा कि क्या हुआ है। चीन ने हमारे सैनिकों को मारने की हिम्मत कैसे की? हमारी ज़मीन लेने की उसकी हिम्मत कैसे हुई?'
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