यह क्या हो रहा है? क्यों हो रहा है? चारो तरफ़ मौत का मंजर क्यों है? लग रहा है प्रलय की आहट तेज़ हो रही है।असमय जाते प्रियजन। अशुभ सिलसिला टूट ही नहीं रहा है। चौतरफा अवसाद। हताशा। इसके पीछे कौन है?
कोरोना वायरस से मरे लोगों को कोई दफ़नाने को तैयार नहीं होता है, कोई क़ब्र खोदने को तैयार नहीं होता है, किसी क़ब्रिस्तान में इन्हें जगह नहीं मिल रही है।
कोरोना से अब तक 11,838 लोगों की मौत हो चुकी है। पर यह संक्रमण रुक नहीं रहा है। आख़िर कितने लोग इस महामारी की वजह से दम तोड़ देंगे? क्या है स्थिति? सत्य हिन्दी पर देखें प्रमोद मल्लिक का विश्लेषण।