कोरोना संक्रमण ने मांसाहार पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। यह बहस उस अमेरिका में सबसे तीखी है, जहाँ मांसाहार लोगों के खाने-पीने का तरीका ही नहीं, जीवन शैली है, संस्कृति है।
अमेरिका में एक शोध में पाया गया है कि यदि वहाँ सोशल डिस्टैंसिंग को समय से पहले लागू किया गया होता तो कोरोना महामारी से दसियों हज़ार लोगों की जान बचाई जा सकती थी।