कोरोना की पहली लहर जितनी तेज़ी से बढ़ी थी उससे क़रीब दोगुने से भी ज़्यादा रफ़्तार से अब दूसरी लहर फैल रही है। देश में इस साल 17 मार्च को क़रीब 35 हज़ार संक्रमण के मामले थे और 31 मार्च को 72 हज़ार से ज़्यादा आए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा है कि आठ राज्यों में ही संक्रमण के सक्रिए मामले देश के कुल सक्रिए मामलों का 84.73 फ़ीसदी है। इन राज्यों में शामिल हैं- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश।
केंद्र सरकार ने माना है कि देश में कोरोना के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पिछले कुछ हफ़्तों में हालात ख़राब ही होते गए हैं और यह बड़ी चिंता की बात है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में एक नये क़िस्म का कोरोना पाया गया है- डबल म्यूटेंट। इससे संक्रमित लोग देश के 18 राज्यों में पाए गए हैं। देश में तेज़ी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच सवाल है कि क्या इसमें 'डबल म्यूटेंट' का हाथ है?
एसबीआई ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में जो तेज़ी आई है वह अगले महीने यानी अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में अपने शिखर पर होगी। यानी हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले अप्रैल तक बढ़ने के आसार हैं।
भारत हर रोज़ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में अब तीसरे स्थान पर आ गया है। भारत में सोमवार को एक दिन में संक्रमण के क़रीब 40 हज़ार मामले आए हैं।
कोरोना को लेकर महाराष्ट्र में फिर से सख़्ती लौट आई है। सभी कार्यालय, थिएयर, ऑडिटोरियम में अब क्षमता के आधा ही काम करने की इजाजत होगी। यह सख्ती 31 मार्च तक लागू होगी।
देश में कोरोना संक्रमण के मामले शुक्रवार को फिर से काफ़ी ज़्यादा बढ़ गए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार देश में 24 घंटे में 39 हज़ार 726 मामले रिकॉर्ड किए गए।
देश फिर से कोरोना की चपेट में आता दिख रहा है। एक दिन में कोरोना संक्रमण के मामले 35 हज़ार 871 मामले आए हैं। दिसंबर के शुरुआती दिन के बाद पहली बार इतने ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का गंगा स्नान के लिए हरिद्वार आने वालों पर कोविड—19 निगेटिव रिपोर्ट लाने की अनिवार्यता ख़त्म करने वाला आदेश क्या कुंभ मेले को श्रद्धालुओं के लिए 'महामारी का महाकुंभ' साबित कर देगा?
क्या देश में देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ गई है? विशेषज्ञ और जानकार जो भी राय दें, लेकिन आप ख़ुद तय कीजिए कि क्या है स्थिति। हर रोज़ आने वाले संक्रमण के मामले 8 हज़ार से बढ़कर अब 23 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं।
कोरोना संक्रमण क्या इस साल के आख़िर तक फैलना रुक जाएगा? डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा है कि यह सोचना 'अपरिपक्व' और 'अवास्तविक' है कि साल के अंत तक महामारी को रोका जा सकता है।
कोरोना संक्रमण पर क्या फिर से हालात बिगड़ने लगे हैं? यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च स्तरीय टीमें क्यों भेजी हैं?