उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब सिर्फ़ छह महीने बचे हैं तो योगी सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल क्यों किया? वह भी तब जब योगी सरकार साढ़े चार साल की कथित उपलब्धियाँ गिना रही है?
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के कोरोना प्रबंधन को अभूतपूर्व घोषित करते हुए इतनी तारीफ़ की कि वहां उपस्थित मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी भौंचक्के रह गए होंगे।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जहाँ गंगा नदी में तैरते हज़ारों शव मिलने की तसवीरें आई थीं उसी उत्तर प्रदेश की सरकार के लिए नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'सेकेंड वेव के दौरान यूपी ने जिस तरह कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका, वह अभूतपूर्व है।'
गंगा नदी में सैकड़ों शव मिलते रहने की ख़बरों के बीच अब राप्ती नदी में एक शव को फेंके जाने का दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद बलरामपुर के स्वास्थय विभाग ने इस मामले की पुष्टि की है।
क्या कोरोना वायरस पानी में भी सक्रिय रहता है और यदि ऐसा है तो यह कितना बड़ा ख़तरा हो सकता है? यूपी में पानी के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद यह नयी चिंता पैदा हुई है।
पहले तो सम्मान से अंतिम संस्कार नहीं और अब रेत में दफन शवों के साथ भी क्रूरता! गंगा किनारे रेत में दबाए गए शवों से रामनामी चादर रूपी कफन को भी हटाने की तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है।
उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों?
यूपी में पंचायत चुनाव बीत चुके हैं। चुनाव का हलाहल गंगा में तैरती लाशों के रूप में प्रकट हो रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे परिवारों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने का सरकार को निर्देश दिया है। क्या योगी इससे परेशान दिख रहे हैं?
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी में 27 ज़िलों में 1140 किलोमीटर गंगा किनारे 2 हज़ार से ज़्यादा शव मिले हैं। ये शव गंगा किनारे कहीं पानी में तैरते मिले तो कहीं रेतों में दफनाए हुए।
भारत को विश्व गुरु बनाने के नाम पर भोली जनता को ठगने वालों ने उस जनता के साथ बहुत बेरहमी की है। विश्व गुरु भारत आज मणिकर्णिका घाट में बदल गया है। जिसकी पहचान बिना ऑक्सीजन से मरे लाशों से हो रही है।
कोरोना संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या इतनी ज़्यादा है कि अब लाशों के ढेर लग गए हैं, चिताओं की कतार लग गई है। हर तरफ़ राख है, फ़िज़ा में धुएँ का गुबार है और इन सबके दरमियान लखनऊ कराह रहा है।
उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी का रविवार सुबह कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। वह 62 साल की थीं। राज्य में तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी को संक्रमण के बाद 18 जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
प्रवासी मज़दूरों से उत्तर प्रदेश में जिस तेज़ी से संक्रमण के फैलने की आशंका जताई जा रही थी, अब उस तरह से यह फैलता नहीं दिख रहा है। एक सैंपल सर्वे में उत्तर प्रदेश में लौटने वाले प्रवासियों में क़रीब 3 फ़ीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
कोरोना काल के शुरुआती दौर में जो आरोप जमातियों ने लगाए थे, वही आरोप अब भाजपाई यानी सत्तापक्ष के लोग लगा रहे हैं। मेरठ के एक निजी मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड की गड़बड़ियों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।