loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/वीडियो ग्रैब

यूपी: कोरोना से मौत पर शव को नदी में फेंका, वीडियो वायरल

गंगा नदी में सैकड़ों शव मिलते रहने की ख़बरों के बीच अब दो लोगों द्वारा राप्ती नदी में एक शव को फेंके जाने का दिल दहलाने वाला वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद बलरामपुर के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की पुष्टि की है और बलरामपुर पुलिस ने भी स्वास्थ्य विभाग के हवाले का ज़िक्र किया है। 

सोशल मीडिया पर वायरल उस वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग शव को नदी के ब्रिज पर उठाते हुए दिखते हैं। दोनों में से एक व्यक्ति पीपीई सूट पहने था। 45 सेकंट के इस वीडियो के आख़िर में पीपीई सूट पहने व्यक्ति लगता है कि बैग में बंद शव को उससे बाहर निकालने की कोशिश करता है। इस घटना वाले वीडियो को ट्विटर पर शेयर किया गया है।

घटना 28 मई की यूपी के बलरामपुर ज़िले की बताई जाती है। पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी जिस वीडियो को जारी किया है उसमें घटना का पूरा ब्यौरा दिया गया है। इस वीडियो में सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह कहते हैं कि जो वीडियो वायरल हुआ है उस संदर्भ में जाँच करने पर यह बात सामने आई है कि शव सिद्धार्थ नगर के शोहरतगढ़ में रहने वाले प्रेम नाथ मिश्रा का था। उन्होंने कहा कि 25 मई को उनको भर्ती किया गया था। 28 मई को प्रेम नाथ की मौत हो गई। 

वीडियो में सीएमओ कहते हैं, 'कोविड प्रोटोकॉल के तहत इनके रिश्तेदारों को शव को सुपुर्द कर दिया गया था। अंत्येष्टि स्थल पर इनके रिश्तेदारों द्वारा उनको प्राप्त किया गया था। वीडियो के संदर्भ में प्रथम दृष्टया यह अपराध प्रकाश में आ रहा है कि इनके परिजनों द्वारा शव को नदी में गिरा दिया गया है। इस संदर्भ में अभियोग पंजीकृत करा दिया गया है। शीघ्र कार्रवाई की जा रही है।'

स्वास्थ्य विभाग के इस बयान को बलरामपुर पुलिस ने ट्वीट भी किया है। 

रिपोर्टों में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि शव को फिर से उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया। 

कोरोना से मौत के बाद शव को बलरामपुर में नदी में फेंके जाने की यह ख़बर तब आई है जब क़रीब एक पखवाड़े पहले तक गंगा नदी में किनारों पर पानी में जहाँ-तहाँ सैकड़ों शव तैरते मिले थे। अब भी शव तैरते मिल रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि ये वे शव हैं जो गगा नदी की रेत में दबा दिए गए थे वे अब बरसात के पानी के तेज बहाव में ऊपर निकलने लगे हैं। 

ताज़ा ख़बरें

इस महीने की शुरुआत में गंगा नदी में शव तैरते मिलने के बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई ऐसी तसवीरें सामने आई थीं कि गंगा किनारे रेत में सैकड़ों शव दफनाए हुए दिख रहे थे। यह वह समय था जब तेजी से संक्रमण के कारण अस्पताल की व्यवस्था कम पड़ने की शिकायतें आ रही थीं। अस्पताल बेड, ऑक्सीजन, दवाएँ आदि सभी कम पड़ने की ख़बरें आ रही थीं। मृतकों की संख्या भी इतनी बढ़ गई थी कि श्मशानों और कब्रिस्तानों में शवों की कतार लग गई थी। 

बाद में ऐसी ख़बर आई कि प्रशासन ने गंगा की रेत में दफन शवों के ऊपर रखी गई रामनामी को हटवा दिया। इसके लिए भी सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें