वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ डॉ. जे पी मूलियिल बता रहे हैं कि लॉकडाउन की ज़रूरत क्यों नहीं थी। कोरोना से लड़ने की नीति बनाने वाले अब भी क्या ग़लती कर रहे हैं? देखिए शैलेश की रिपोर्ट।
मज़दूरों की बदहाली का ज़िम्मेदार कौन? आगे क्या राज्यों से परमिट लेकर जाएँगे मज़दूर? कोरोना काल में से राजनीति क्यों? आशुतोष, आलोक जोशी, कॉंग्रेस के चरण सिंह सापरा और बीजेपी के मनीष शुक्ला की चर्चा।
मध्य प्रदेश को शिवपुरी ज़िले से शर्मसार करने वाली फिर एक तसवीर सामने आयी है। लू के थपेड़ों और 45 डिग्री के लगभग ट्रेम्प्रैचर के बीच मजबूर मज़दूरों को सीमा पर बने शौचालयों में दिन बिताना पड़ा।
2 महीने बाद जैसे ही सोमवार को विमान सेवा शुरू हुई, दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों के एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। बड़ी संख्या में फ़्लाइट्स कैंसिल हो गईं।
सोमवार से घरेलू विमान सेवाएं शुरू हो गयी हैं। केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा है कि ऐसे लोग जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं होंगे, वे ही विमान में सफर कर सकेंगे।
सन् 2020 में आई कोरोना महामारी के दौरान देश के करोड़ों मज़दूरों और उनके परिजनों की यंत्रणा, बेहाली और तकलीफ़ के बारे में जब कभी याद किया जायेगा, सत्ताधारियों की ‘हिन्दुत्व-वैचारिकी’ पर भी सवाल उठेंगे।