पिछले महीने मोदी ने देश से 21 दिन माँगे थे कोरोना को हराने के लिये। पर क्या 21 दिन में वो कोरोना को हरा पाये? क्यों नहीं हरा पाये? क्यों कोरोना को रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाना पड़ेगा? देखिए आशुतोष की बात।
76 दिन बाद कोरोना के पहले हमले के शिकार वुहान ने ज़िंदगी को फिर ज़िंदाबाद कर दिया है। रेलें पटरियों पर दौड़ पड़ी हैं, हवाई जहाज़ आसमान में उड़ रहे हैं, याग्सत्जो नदी में फेरी फेरा लगाने निकल पड़ी हैं। वुहान की क़दमताल पर सवाल कर रहे हैं शीतल पी सिंह।
कोरोना वायरस से संक्रमित होने का ही खौफ कितना ज़्यादा है! क्या हो जब अस्पतालों में भर्ती होने वाले ऐसे 48 फ़ीसदी लोगों में मानसिक दिक्कतें आएँ? क्या सरकार ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है?
जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मीडिया का कुछ हिस्सा तब्लीग़ी जमात के दिल्ली में पिछले महीने हुए कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैला रहा है।
कोरोना का डर, लॉकडाउन की दिक़्क़त और अब भविष्य की आशंका। कितनी बड़ी है यह समस्या, किसपर कितना असर पड़ेगा? और इसके आगे का रास्ता क्या हो? आलोक जोशी ने बात की दिग्गज आर्थिक पत्रकार और बिज़नेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक ए के भट्टाचार्य से।
अमेरिका करोना संकट में बुरी तरह फँस गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के कारण अंतरराष्ट्रीय जगत में भी वह खलनायक बनता जा रहा है। ऐसे में चीन के लिए दुनिया की लीडरशिप हासिल करने का अच्छा मौक़ा है और वह इसका इस्तेमाल भी कर रहा है। वह तमाम देशों की मदद कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे उपायों म़े कोआर्डिनेशन भी। देखिए मुकेश कुमार का विश्लेषण।
मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जो हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा भारत और अमेरिका में सुर्खियों में रही उसी दवा की माँग अब ब्राज़ील के राष्ट्रपति जईर बोसोनारो ने भी की है।
चंद रोज़ पहले तक सवा सौ करोड़ की आबादी के इस मुल्क में संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण दिखाई दे रहा था। लेकिन अब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिख रही है। इसके लिए ज़िम्मेदार कौन?
लम्बे समय तक चल सकने वाले लॉकडाउन के दौरान हमें इस एक सम्भावित ख़तरे के प्रति भी सावधान हो जाना चाहिए कि अपने शरीरों को ज़िंदा रखने की चिंता में ही इतने नहीं खप जाएँ कि हमारी व्यक्तिगत और सामूहिक आत्माएँ और आस्थाएँ ही मर जाएँ।
क्या दिल्ली में नर्सों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए पूरे उपाय नहीं किए जा रहे हैं? क्या उन्हें मास्क, कवरॉल से लेकर रहने तक की व्यवस्था सुरक्षित नहीं है?