एसबीआई ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में जो तेज़ी आई है वह अगले महीने यानी अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में अपने शिखर पर होगी। यानी हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले अप्रैल तक बढ़ने के आसार हैं।
मुंबई में फिर से कोरोना बेकाबू हो गया है! शहर में एक दिन में 5185 संक्रमण के मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। एक दिन में यह अब तक का सबसे ज़्यादा आँकड़ा है। एक दिन में शहर में छह लोगों की मौत हुई है।
बुधवार को कोरोना के मामलों ने एक बार फिर 40 हज़ार के आंकड़े को पार किया। देश में 24 घंटों में कोरोना के 47,262 नए मामले सामने आए और 275 लोगों की मौत हुई।
कोरोना के यूके स्ट्रेन यानी इंग्लैंड में पाए गए नये क़िस्म का कोरोना संक्रमण पंजाब में तेज़ी से फैला है। पंजाब में कोरोना संक्रमण के 401 सैंपल में से 81 फ़ीसदी यूके स्ट्रेन के ही वायरस मिले हैं।
भारत हर रोज़ सबसे ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मामले में अब तीसरे स्थान पर आ गया है। भारत में सोमवार को एक दिन में संक्रमण के क़रीब 40 हज़ार मामले आए हैं।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण उतना ज़्यादा फैला है जितना पहले कभी नहीं रहा। एक दिन में 30 हज़ार से भी ज़्यादा संक्रमण के मामले आए। इससे एक दिन पहले 27 हज़ार मामले आए थे। ऐसा क्या हो गया कि अब कोरोना फिर से बेकाबू है?
महाराष्ट्र में संक्रमण के नये मामले रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गए हैं। शनिवार को एक दिन में 27 हज़ार 126 मामले दर्ज किए गए। राज्य में जब से कोरोना संक्रमण फैला है तब से इतना ज़्यादा संक्रमण के मामले नहीं आए थे।
कोरोना को लेकर महाराष्ट्र में फिर से सख़्ती लौट आई है। सभी कार्यालय, थिएयर, ऑडिटोरियम में अब क्षमता के आधा ही काम करने की इजाजत होगी। यह सख्ती 31 मार्च तक लागू होगी।
कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर का सामना कर रहे यूरोप के अब कई प्रमुख देशों ने एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन को फिर से शुरू करने की बात कही है। इन देशों का यह फ़ैसला तब आया है जब ईएमए ने कहा है कि एस्ट्राज़ेनेका की वैक्सीन सुरक्षित है।
देश फिर से कोरोना की चपेट में आता दिख रहा है। एक दिन में कोरोना संक्रमण के मामले 35 हज़ार 871 मामले आए हैं। दिसंबर के शुरुआती दिन के बाद पहली बार इतने ज़्यादा संक्रमण के मामले आए हैं।
कोरोना क्या मौसमी बीमारी की तरह अब वर्षों तक रहेगा? क्या यह वायरस अब कभी भी ख़त्म नहीं होगा? ये सवाल इसलिए कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा गठित वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की कमिटी ने रिपोर्ट ही ऐसी दी है।