जिस हर्ड इम्युनिटी को कोरोना संक्रमण को फैलने से रुकने के एक तरीक़ा बताया जा रहा था उस पर केंद्र सरकार का कहना है कि भारत जैसे देश में यह विकल्प नहीं हो सकता है।
राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम में कोरोना संकट की वजह से 200 से ज़्यादा लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया है। लेकिन इस बीच ज़िला प्रशासन ने कहा है कि उसने प्रसाद के 1 लाख पैकेट की व्यवस्था की है।
एक करोड़ के आसपास की आबादी वाले यूनाइटेड अरब अमीरात ने कोरोना पर तो काफी हद तक नियंत्रित कर लिया है, मगर वहाँ की पचासी फ़ीसदी आबादी बेरोज़गारी के खौफ़ में जी रही है। पेश है आबूधाबी में रह रहीं एचआर कन्सल्टेंट निशि शेट्टी से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले 15 लाख से ज़्यादा हो गए हैं। जून महीने के आख़िर में संक्रमण के मामले क़रीब 5 लाख 85 हज़ार थे, लेकिन 28 दिन में ही यह संख्या क़रीब 10 लाख बढ़ गई है।
कोरोना महामारी से ग्रस्त अमेरिका में हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे। अब तो उम्मीदें वैक्सीन पर टिकी हुई हैं। अमेरिकी कंपनियाँ युद्ध स्तर पर अपने प्रयोगों को आगे बढ़ा रही हैं। पेश है वाशिंगटन में रह रही वैज्ञानिक डॉ. इंद्राणी बरुआ से इस मुद्दे पर बातचीत।
उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में कोरोना इलाज में जिन लापरवाहियों को प्रशासन नकार रहा है उसको अब झाँसी के हॉस्पिटल के एक वीडियो ने पुष्ट करने का काम किया है।
कोरोना तो, बकौल एक केन्द्रीय मंत्री, पापड़ खा कर ख़त्म किया जा सकता है। सोचिये, दुनिया के 715 करोड़ लोग, हज़ारों वैज्ञानिक, सैकड़ों संस्थान और 16 वैक्सीन पर चल रहे शोध के बाद भी समझ नहीं आयी कि पापड़ से कोरोना वायरस कैसे भागता है।
अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित देश है, मगर उससे लड़ने के मामले में वह अंदर ही अंदर बुरी तरह विभाजित भी है। न केवल राजनीतिक स्तर पर बल्कि सामाजिक स्तर पर भी ये बँटवारा देखा जा सकता है। अमेरिका में रह रहीं रचना नाथ ने इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार को विस्तार से बताया।