भारतीय जनता पार्टी भले ही यह दावा करे कि 75 सीटों के साथ वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, सच यह है कि हिन्दू-बहुल और पारंपरिक गढ़ जम्मू में भी उसे सिर्फ 37.3 प्रतिशत वोट ही मिले हैं, जो बहुमत से काफी कम है।
कश्मीर ने पूरे देश को ज़ोरदार ढंग से यह संदेश दिया कि कश्मीर के लोग लोकतंत्र और संविधान में किसी संघी से ज़्यादा यकीन करते हैं, जो एक मात्र राष्ट्रवादी होने का दावा करते हैं।
कश्मीर में जिन तत्वों ने अनुच्छेद 370 में बदलाव का पूरी तरह से विरोध किया था, और कर रहे हैं, आज वही तत्व घाटी में भारी मत से जीत कर आये हैं। कश्मीर घाटी के दस ज़िलों में से नौ में गुपकार गठबंधन का क़ब्ज़ा होगा।
जम्मू-कश्मीर के डीडीसी चुनाव में बीजेपी अभूतपूर्व सफलता के दावे कर रही है, मगर सचाई क्या है? पेश है चुनाव नतीजों पर कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। DDC Elections: गुपकर गठबंधन को 100 से ज़्यादा सीटें । पहली बार हुए J&K में डीडीसी चुनाव, 20 ज़िलों में होगा गठन
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। J&K DDC चुनाव : गुपकार गठबंधन 91 सीटों पर आगे । डीडीसी: जम्मू की 140 सीटों में से 60 पर आगे है बीजेपी!
चुनाव नतीजों में अनु. 370 का कोई फ़र्क़ पड़ा? ‘लव जिहाद’ के नाम पर बिना सबूत गिरफ्तारी क्यों? नए किस्म के कोरोना कितना खतरनाक ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का ख़ास विश्लेषण। Satya Hindi
पहली बार कश्मीर घाटी में कैसे पहुँच गई बीजेपी? क्या अनु. 370 का चुनाव पर कोई प्रभाव दिखा भी? नए किस्म के कोरोना कितना ख़तरनाक है? देखिए दिन की बड़ी ख़बरों का विश्लेषण वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास के साथ. Satya Hindi
डिस्ट्रिक चुनाव में बीजेपी क्यों हारी ? कश्मीर में क्या फिर सामान्य होगी ज़िंदगी ?आशुतोष के साथ चर्चा में विजय त्रिवेदी, इफ़्तिख़ार मिसगर, राजीव पांडे और अश्विनी कुमार ।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। J&K डीडीसी चुनाव: शुरुआती रुझानों में गुपकार 11 सीटों पर आगे।किसान बोले - सरकार गंभीर नहीं है, कर रही समय बर्बाद
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। महबूबा का आरोप- नामांकन से पहले PDP प्रत्याशी हिरासत में ले लिया ।शाह के तमिलनाडु दौरे पर ट्रेंड हुआ
डीडीसी चुनाव के लिए घाटी में नामाँकन दाखिल करने वाले उम्मीदवारों को तुरंत ही पुलिस की निगरानी में ले जाया जा रहा है और वहीं रखा जा रहा है। आरोप है कि उन्हें वहाँ से निकलने नहीं दिया जा रहा है।