दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग़ को लेकर आ रहे बीजेपी नेताओं के बयानों से अब यह साफ़ हो गया है कि पार्टी मतदान की तारीख़ तक इसी मुद्दे पर चुनाव प्रचार करेगी।
दिल्ली में 5 सीटें ऐसी है जो मुसलिम बाहुल्य हैं।पहले इनपर कांग्रेस का कब्ज़ा रहता था पर पिछले चुनाव में उलट फेर हो गया। आम आदमी पार्टी ने इन 5 में से 4 सीटें जीती और बीजेपी ने 1 सीट, कांग्रेस सारी सीटें हार गयी। इस चुनाव में मुसलमान किस ओर जाएँगे, इसका विश्लेषण कर रहे हैं शीतल पी सिंह।
चुनाव आयोग ने आपत्तिजनक बयान देने वाले बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद प्रवेश वर्मा को पार्टी के स्टार कैंपेनरों की सूची से हटाने के आदेश दिए हैं।
2015 में बीजेपी कुल 70 सीटों में से 3 सीटें ही जीत पाई थी और कांग्रेस शून्य पर थी। सत्य हिंदी के लिए शैलेंद्र ने इन क्षेत्रों में कई दिनों तक मतदाताओं की नब्ज़ टटोली। उनकी फ़ील्ड रिपोर्ट पर आधारित शीतल पी सिंह का विश्लेषण देखिए 'दिल्ली किसकी' में।
दिल्ली चुनाव में एक हफ़्ते का समय बाक़ी है। बीजेपी साम्प्रदायिक एजेंडे पर क्यों उतर आई है? शाहीन बाग़ को चुनावी मुद्दा क्यों बना रही है? बीजेपी नेता क्यों आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं? ऐसा क्यों हो रहा है? क्या केजरीवाल के विकास के चुनावी मुद्दे से बीजेपी का निपटना मुश्किल हो रहा है? देखिए आशुतोष की बात।
दिल्ली में सातवीं बार विधानसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। बीजेपी एक बार, कांग्रेस तीन बार और आप दो बार दिल्ली की गद्दी पर बैठ चुकी हैं। केजरीवाल अपने काम पर और बीजेपी शाहीन बाग़ के ख़िलाफ़ वोट माँग रही है। देखिए दिल्ली का मूड, शीतल पी सिंह की विशेष रिपोर्ट 'दिल्ली किसकी' में।
दिल्ली जीतना बीजेपी के लिये ज़रूरी है क्योंकि बिहार, बंगाल और उसके बाद उत्तर प्रदेश के चुनावों तक इन नतीजों का असर होगा। लेकिन आम आदमी पार्टी से उसे कड़ी चुनौती मिल रही है।
दिल्ली में 1.47 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि चुनाव से पहले 10 महीने में मतदाताओं की संख्या 9.87 लाख बढ़ गई। यह कैसे हो गया?
नागरिकता संशोधन क़ानून के कारण क्या मतदाता धार्मिक आधार पर बँट जाएँगे? बीजेपी नागरिकता क़ानून पर अलख जगाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस अपने पुराने दिनों की याद दिला रही है। और आम आदमी पार्टी मुफ़्त बिजली-पानी का झंडाबरदार है। दिल्ली चुनावों की रणनीति पर शैलेश के सवालों का जवाब दे रहे हैं आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रभारी और राज्यसभा सांसद संजय सिंह।