दिल्ली दंगों की जाँच कर रही पुलिस जिस तरह छात्रों और एक्टिविस्ट के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है, उससे भारतीय राज्य उत्पीड़न की अंधेरी रात में प्रवेश कर रहा है।
दिल्ली पुलिस फरवरी में राजधानी में हुए दंगों में लोगों को फँसाना चाहती है, यह इससे साफ है कि इसने दंगों की साजिश के पीछे जो कहानी गढ़ी, उसका बड़ा झूठ पकड़ा गया। इस झूठ के पकड़े जाने के बाद दिल्ल पुलिस ने एक दूसरी चार्जशीट दाख़िल की।