महाराष्ट्र में अब डेल्टा प्लस वैरिएंट से कोरोना की तीसरी लहर का डर है। राज्य के टास्क फोर्स ने आशंका जताई है कि यदि कोरोना को लेकर लापरवाही बरती गई तो एक या दो महीने में वह लहर आ जाएगी।
भारत में कोरोना के जिस डेल्टा वैरिएंट ने दूसरी लहर में तबाही मचाई उस पर मौजूदा वैक्सीन की दो खुराक काफ़ी ज़्यादा कारगर है। ऐसा पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड यानी पीएचई ने ही शोध के आधार पर कहा है।
कोरोना के जिस डेल्टा वैरिएंट को देश में दूसरी लहर में तबाही लाने के लिए ज़िम्मेदार समझा जाता है उसका अब एक नया म्यूटेंट यानी नया रूप पाया गया है। नये वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल दवा भी निष्प्रभावी साबित हो सकती है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर जब तबाही मचा रही थी तो एक के बाद एक कोरोना के नये-नये स्ट्रेन की डराने वाली ख़बरें आ रही थीं।लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इनमें से सिर्फ़ एक स्ट्रेन ही चिंतित करने वाला है।
कोरोना का जो नया स्ट्रेन बी.1.617 सबसे पहले भारत में मिला था उसके नाम को लेकर बार-बार उठ रहा विवाद शायद अब ख़त्म हो जाएगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इसका नाम तय कर दिया है और 'डेल्टा वैरिएंट' नाम दिया है।