वॉल स्ट्रीट जर्नल के नए भंडाफोड़ ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि अंखी दास फेसबुक में मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ा रही थीं। वे मोदी के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही थीं और मुसलमान-विरोधी पोस्ट न रोकना इसमें शामिल था। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
सूचना प्रौद्योगिकी पर बनी संसद की स्थायी समिति ने फ़ेसबुक प्रबंधन को इस बारे में जवाब तलब किया है और 2 सितंबर को बुलाया है। इस समिति के प्रमुख कांग्रेस सांसद शशि थरूर हैं।
फ़ेसबुक ने हेट स्पीच पर नज़र रखने के लिए एक ओवरसाइट बोर्ड बनाने का फ़ैसला किया है। इस ओवरसाइट बोर्ड में एक भारतीय समेत कई अंतरराष्ट्रीय ख्याति के लोग हैं।
दुनिया भर में फैले फ़ेसबुक के कर्मचारियों के एक समूह ने कंपनी में आंतरिक तौर पर पत्र लिखकर पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि फ़ेसबुक नेतृत्व मुसलिम विरोधी घृणा को पनपने न दें।
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने फ़ेसबुक के साथ बीजेपी के रिश्तों की पोल खोल दी है, लेकिन ये यारी कितनी पुरानी है और कैसे चल रही है? पेश है इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया विशेषज्ञ परांजय गुहा ठाकुरता से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत।
फ़ेसबुक के अंदर मेरे एसएमएस के सारे संदेश थे। मेरी कॉल डिटेल थी। आख़िर फ़ेसबुक के पास इसका क्या काम लेकिन वो ऐसा करता है। सवाल यह उठता है कि भारत के लिए फ़ेसबुक कैसे सेफ़ है?
फ़ेसबुक पर भारत में बवाल क्यों? कॉंग्रेस हमलावर तो बीजेपी बचाव में उतरी! कॉंग्रेस बीजेपी की लड़ाई के पीछे क्या है?अपने सबसे बड़े बाज़ार में कैसे फँस गया है फेसबुक? आलोक जोशी की टिप्पणी।Satya Hindi