पिछले सप्ताह किरावली (आगरा) की विशाल किसान पंचायत में हज़ारों-हज़ार किसानों को सम्बोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने जो स्वर छेड़े वे मौजूदा किसान आंदोलन में नितांत नए राग के रूप में अंकित हो गए।
ऐसे समय जब केंद्र सरकार अपनी ज़िद पर अड़ी है कि कृषि क़ानून 2020 किसी सूरत में रद्द नहीं होंगे, किसानों ने इस आन्दोलन को देश के कोने-कोने में ले जाने का फ़ैसला किया है।