किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया।
29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर हुए पथराव की तमाम सचाइयाँ सामने आ गई हैं। यह साफ़ हो गया है कि किसानों के आंदोलन से नाराज़ स्थानीय लोग इस प्रायोजित हिंसा में शामिल नहीं थे।
क्या है किसानों पर हमले की साजिश ? लाल क़िला, सिंघू बार्डर और ग़ाज़ीपुर बार्डर पर हमले का पैटर्न ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो आनंद कुमार, सतनाम सिंह मानक, अशोक वानखेड़े, एम जे खान, आलोक जोशी ।
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मारे गए युवक नवरीत सिंह के परिजनों ने पुलिस के इस दावे को एक बार फिर सिरे से खारिज कर दिया है कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। किसान आज करेंगे भूख हड़ताल, मनाएँगे सद्भावना दिवस । सिंघु बॉर्डर पर हुई हिंसा में पुलिस ने 44 लोगों को किया गिरफ़्तार
क्या दिल्ली से सटे हरियाणा के सिंघु सीमा पर बैठे आन्दोलनकारी किसानों को वहाँ से हटाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया है? या स्थानीय होने का दावा करन वाले लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं?
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को सद्भावना दिवस मना रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश कर रही है।
जो किसान आंदोलन 25 जनवरी तक भारतीय लोकतंत्र की शान बढ़ा रहा था, वही अब दुख और शर्म का कारण बन गया है। इस आंदोलन ने हमारे राजनीतिक नेताओं के बौद्धिक और नैतिक दिवालिएपन को उजागर कर दिया है।
गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के संदर्भ में जो कुछ भी घटित हुआ वह बेहद शर्मनाक व निंदनीय तो ज़रूर था परन्तु यह सब पूर्णतया अनअपेक्षित क़तई नहीं था।