कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। दिल्ली से सटे टिकरी बॉर्डर से तकरीबन सात किलोमीटर दूर हिसार ज़िले के एक गाँव में एक 49 वर्षीय किसान की लाश पेड़ से लटकती पाई गई है। पुलिस ने मामले की पुष्टि कर जाँच शुरू कर दी है।
लगभग तीन महीने से दिल्ली के पास पंजाब के किसानों के धरने से कई सवाल खड़े होते हैं। इनमें से ज़्यादातर किसान उस पंजाब के हैं, जो हरित क्रांति का केंद्र बना।
देश की 70 प्रतिशत आबादी के खेती-किसानी पर निर्भर रहने के बावजूद क्यों कोई सरकार उनकी मूलभूत समस्याओं का समाधान खोजने में गहरी दिलचस्पी नहीं लेती है या अब तक समाधान ढूंढ नहीं पायी है।
सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता से पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे एक और किसान ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। रिपोर्टों के अनुसार, कृषि क़ानूनों को रद्द नहीं किए जाने को लेकर उसने ऐसा क़दम उठाया।
कल ठंड से हो गई किसान की मौत तो आज एक बुजुर्ग किसान ने कर ली आत्महत्या! आखिर कब तक खुल आसमान में गलाने वाली ठंड में बैठे रहेंगे किसान? किस-किसको मुफ्त में मिलेगी वैक्सीन ? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण।
आंदोलन पर बैठे एक किसान मे आत्म हत्या कर ली । कई किसानों की आंदोलन के दौरान जान चुकी है । सरकार इतनी निष्ठुर कैसे हो सकती है ? आशुतोष के साथ चर्चा में पुष्पेंद्र चौधरी, अविक साहा, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, आलोक जोशी
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