पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अंग्रेज़ी के सार्वजनिक इस्तेमाल पर वैसा ही प्रहार किया है, जैसा कभी गाँधीजी और लोहियाजी किया करते थे। यदि लोहिया जी भारत के प्रधानमंत्री बनते तो अंग्रेज़ी पर प्रतिबंध लगा देते।
पाकिस्तान में दो हिंदू नाबालिग बहनों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन कराकर शादी करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी दबाव के बाद इमरान ख़ान को दखल देना पड़ा है।