इस बार 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा के चुनाव में मोदी-शाह ने झारखंड के लिए ‘65-पार’ का नारा दिया था। पर झारखंड की अवाम ने बीजेपी को महज 25 पर सीमित कर दिया।
झारखंड के चुनावी नतीजे क्या कहते हैं? यदि चुनावी प्रचार का नेतृत्व प्रधानमंत्री ने किया और पूरे चुनाव में हिंदुत्व एजेंडे पर चला गया तो फिर इस नतीजे के लिए ज़िम्मेदार कौन? देखिए आशुतोष की बात।
झारखंड चुनाव में बीजेपी को ज़बरदस्त झटका क्यों लगा है? क्या झारखंड में प्रधानमंत्री मोदी का हिंदुत्व नहीं चला? पूरे झारखंड में मोदी हिंदुत्व को ही मुद्दा बनाते रहे थे। देखिए 'शैलेश की रिपोर्ट' में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
ताज़ा रुझानों में झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुआई वाले महागठबंधन को बहुमत मिल गया है। सवाल यह उठता है कि क्या हेमंत सोरेन के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजेगा?