कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी को शामिल करके काँग्रेस को क्या फ़ायदा और नुक़सान हो सकता है? दो बहुचर्चित नेताओं के काँग्रेस में जाने के क्या मायने निकाले जा सकते हैं? क्या गंभीर संकट से गुज़र रही पार्टी को उबार पाने में मदद कर पाएगी ये जोड़ी? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-उर्मिलेश, निवेदिता, गुरदीप सपल, डॉ. लक्ष्मण यादव और नीरेंद्र नागर-