यदि कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए आज डाॅ. फारुक जगमोहन के विरुद्ध जाँच बिठाने की माँग कर रहे हैं तो उस जाँच की अग्नि-परीक्षा में सबसे पहले ख़ुद डाॅ. फारुक को खरा उतरना होगा।
कश्मीर के अनंतनाग ज़िले के एक गाँव में 40 साल के कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की आतंकवादियों द्वारा हत्या ने कश्मीरी पंडितों के पुराने घावों को कुरेदा है।
1990 में और उसके बाद हज़ारों कश्मीरी पंडित परिवारों को घाटी से भागना पड़ा। वहाँ ऐसे हालात क्यों पैदा हुए और उनके पीछे 1987 की चुनावी धाँधलियों का क्या रोल था?