स्वीडेन की वी-डेम और अमेरिकी एनजीओ फ्रीडम हाउस ने भारत में प्रजातंत्र की स्थिति पहले से ख़राब बताई। सत्ताधारी वर्ग यह नहीं समझता कि वर्तमान दौर में देश की हर ख़बर दुनिया भर में पहुँचती है।
2015 में 67 और 2020 में 62 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी को ऐसा लग रहा है कि इतना प्रचंड बहुमत भी उसके लिए काफी नहीं है। उसे लग रहा है कि केंद्र सरकार नए फ़ैसले कर रही है ताकि आम आदमी पार्टी इतना प्रचंड बहुमत होने के बाद भी दिल्ली में जो चाहे, वह न कर सके।