अखिलेश यादव ने क्यों कहा कि अगर आधी आबादी से अगला पीएम चुना जाय तो अच्छा हो और अगला पीएम गठबंधन देगा और वह यूपी से होगा? ये क्या मायावती को प्रधानमंत्री बनाने के संकेत नहीं हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के मिदनापुर की चुनावी सभा का आग़ाज़ ‘जय श्री राम’ के जयघोष से क्यों किया। राजनीति है मोदी का जय श्री राम। देखिये वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का विश्लेषण।
मोदी के गुजरात में जय श्री राम का नहीं, बल्कि जय श्री कृष्ण का उद्घोष होता है। मोदी कभी जय श्री कृष्ण कहते सुनायी नहीं दिए क्योंकि चुनाव में जितना फ़ायदा जय श्री राम से हो सकता है उतना फ़ायदा जय श्री कृष्ण से होने की उम्मीद कम है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अमेठी और रायबरेली में मतदान के एक दिन पहले राहुल और सोनिया गाँधी को वोट देने की अपील करके बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है। तो क्या अब राहुल की जीत पक्की हो गई है?
इस बार प्रधानमंत्री मोदी का आत्मविश्वास डिगा हुआ है और वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं जो विश्वास की भाषा नहीं है। यह भाषा निराशा की भाषा है। एक हताश नेता की भाषा है।
2014 में चुनावी सभाओं में मोदी बोलते थे, ‘अच्छे दिन’ और जनता पीछे से बोलती थी ‘आयेंगे’। अब मोदीजी का ‘अच्छे दिन’ से क्या अभिप्राय था, उन्होंने कभी पूरी तरह से इसे समझाया नहीं।
चुनाव आयोग के प्रतिबंध का सामना कर रहीं भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर नए विवाद में घिर गई हैं। बीजेपी के प्रचार वाहन से साध्वी प्रज्ञा की रिकॉर्डिंग चलाये जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है।
मोदी सरकार की वापसी के लिहाज़ से आख़िरी तीन चरणों की 169 सीटें अहम हैं। इसे देखते हुए इन सीटों पर बीजेपी को जिताने के लिए संघ परिवार ने भी पूरी ताक़त झोंक दी है।
चार चरणों की वोटिंग हो गयी। अब पाँचवाँ, छठा और सातवाँ चरण तय करेगा कि मोदी दुबारा प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं। देखिये वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।