मायावती की बसपा कमजोर पड़ती नजर आ रही है ऐसे में मोदी की नजर उसके गैर जाटव दलित वोट बैंक पर है .इसके लिए क्या नैरेटिव बनाया जा रहा है ?समझेंगे जनादेश चर्चा में
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। यूपी बीजेपी अध्यक्ष बोले - BSP मज़बूत है, लोगों को ग़लत-फ़हमी। दस प्रतिशत लोगों के पास है 50 प्रतिशत जायदाद
उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों बाद चुनाव होने हैं, लेकिन काफ़ी पहले से ही राजनीतिक दल ब्राह्मणों को रिझाने की कोशिश में जुट गए हैं। चाहे वह मायावती हों या अखिलेश यादव। बीएसपी के बाद बीजेपी भी प्रबुद्ध सम्मेलन के लिए जुटी हुई है।
आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीएसपी प्रमुख मायावती ने बड़ा फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा है कि बाहुबली और माफिया को टिकट नहीं दिया जाएगा। उन्होंने मुख्तार अंसारी का भी टिकट काट दिया है।
मायावती ने आज ब्राह्मणों को उनके साथ हो रहे अन्याय का हिसाब बराबर करने का भरोसा दिया .पर क्या ब्राह्मण बसपा का इस चुनाव में समर्थन करेंगे .आज की जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे .
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। ‘जातिगत जनगणना कराई तो BSP करेगी केंद्र का समर्थन’ । जाति जनगणना पर पीएम से समय मांगा था, जवाब नहीं मिला: नीतीश
यूपी विधानसभा चुनाव में बमुश्किल 6 माह का वक़्त बाक़ी है। सामाजिक न्याय की राजनीति करने वाले सपा और बसपा जैसे दल इन दिनों ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। क्या इससे उन्हें फ़ायदा होगा?
मायावती ब्राह्मणों को लुभाने में क्यों लगी हैं? बसपा अगर विचारधारा के अनुसार चली होती तो क्या आज वोट की तलाश में ब्राह्मण के पास पहुँचने की ज़रूरत पड़ती?
बीएसपी अगर ब्राम्हणों को लुभाने में लगी है तो उसमें ग़लत क्या है? चुनाव जीतने के लिए दूसरे दल जैसे जातीय गँठजोड़ बनाने की कवायद नहीं कर रहे हैं, क्या वह बीसपी की कोशिश से अलग है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं विनोद अग्निहोत्री, शरद गुप्ता, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों नारा चल रहा है – 2017 में राम लहर और 2022 में परशुराम लहर। कांग्रेस यूपी में ब्राह्मणों को मनाने में लगी है। सपा ने भगवान परशुराम के नाम का सहारा लिया है तो अब बीएसपी ने अपना ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है।
यूपी में आजकल चर्चा गर्म है कि मायावती का आधार खिसक रहा है । बीएसपी ख़त्म हो रही है । तो क्या ख़त्म हो गया कांशीराम का दलित आंदोलन? आशुतोष के साथ चर्चा में सतीश प्रकाश, रविकांत और आलोक जोशी ।