दक्षिण भारत के दो टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के थोड़ी देर बाद ही प्रतिबंध हटा दिया गया। ऐसा आख़िर क्यों हुआ? क्या सरकार इन चैनलों के ज़रिए दूसरों को संकेत देना चाहती है कि वह सत्तारूढ़ दल और उससे जुड़ी संस्थाओं की आलोचना न करें? क्या मीडिया के लिए इमर्जेंसी जैसे हालात बन रहे हैं? सत्य हिन्दी के विशेष कार्यक्रम 'आशुतोष की बात' में देखें वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।