मिड डे मील में नमक के साथ रोटी वाला मामला तो याद ही होगा। मिर्ज़ापुर के डीएम अब क्यों कह रहे हैं कि ख़बरदार, जो प्रिंट मीडिया के किसी पत्रकार ने वीडियो बनाने की कोशिश भी की तो एफ़आईआर दर्ज हो सकती है? क्या योगी सरकार में पत्रकारिता करना मना है? देखिए शैलेश की रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है पत्रकारों के साथ।