2014 से लेकर, और आज तक। हर महीने और हर साल, मुसलमानों के खिलाफ लिंचिंग और हिंसा के मामले लगातार सामने आए हैं- इसका सबसे अधिक शिकार पुरुष, युवा और लड़के हैं।
80 मुसलमान महिलाओं की ऑनलाइन नीलामी की हरकत। .'सुल्ली फॉर सेल' और 'सुल्ली डील' पर ज़रिए नामचीन मुसलिम महिलाओं को बनाया गया निशाना। महिलाओं की नीलामी पर बीजेपी की ओर से क्या नहीं उठी आवाज़?
'सुल्ली फॉर सेल' नामक एक ओपन सोर्स वेबसाइट बनाई गई, जिस पर मुसलमान महिलाओं के ट्विटर हैंडल से जानकारियाँ और तसवीरें निकाल कर डाली गई और इन्हें सार्वजनिक तौर पर 'नीलाम' किया गया, जिसे 'सुल्ली डील' कहा गया है।
बिहार में मुसलिम लड़कियों की शिक्षा में कम भागीदारी क्यों है? जो सरकारी स्कूलों में जाती भी हैं उनमें से कई ऐसी हैं जो पाँचवीं कक्षा में होने के बावजूद सही से नाम तक नहीं लिख पाती हैं? ऐसा क्यों है और सरकारी मदद क्यों नहीं मिली?
श्रीलंका में बुर्क़े पर प्रतिबंध के बाद यह सवाल उठा कि क्या बुर्क़ा इस्लाम का ज़रूरी हिस्सा है? क्या शरई एतबार से मुसलिम महिलाओं के लिए बुर्क़ा पहनना ज़रूरी है?