शुक्रवार को सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के आपातकालिक प्रावधानों का इस्तेमाल करते हुए प्याज के भंडारण की सीमा तय कर दी। प्याज की कीमतें जिस तरह से और जिस तेजी से बढ़नी शुरू हुई हैं, उसे देखते हुए सरकार के पास कोई चारा भी नहीं था।
प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी और सोने की कीमत का लगातार गिरना कई सवाल खड़े करता है। यह किस आर्थिक नीति का नतीजा है और सरकार क्यों हस्तक्षेप नहीं करती है?