ऐसे समय जब ऑक्सीजन की किल्ल़त और इसकी कमी से कोरोना रोगियों के तड़प-तड़प कर मरने की ख़बरें देश के कई कोने से आ रही हैं, सरकार ने जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन संयंत्र हवाई जहाज़ से लाने का फ़ैसला किया है।
ऑक्सीजन को लेकर शुरू से ही लापरवाह क्यों रही मोदी सरकार? ऑक्सीजन प्लांट के टेंडर के लिए 8 महीने क्यों लगा दिए? देखिए सत्य हिंदी के लिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट -
दम टूट जाएगा तो फिर ऑक्सीजन प्लांट का क्या करेंगे सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के साथ दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का सटीक विश्लेषण। Satya Hindi