पाकिस्तान के कोर्ट ने आदेश दिया है कि यदि फाँसी की सज़ा से पहले 'मुशर्रफ़ की मौत हो गई तो उनकी लाश को घसीटते हुए लाया जाए और इसलामाबाद के डी चौराहे तक पर तीन दिन तक लटकाया जाए।'
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ को फांसी की सजा सुनाई गई है। तीन जजों की एक विशेष अदालत ने यह फ़ैसला सुनाया है। मुशरर्फ़ पर राजद्रोह का मामला चल रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह कुछ भी कहें, सच यह है कि पाकिस्तान में मुसलमान भी धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं। शिया, अहमदिया और इसमाइली समुदाय के लोग हमेशा ही सरकार और बहुमत सुन्नी के निशाने पर रहे हैं।
भारत के विभाजन से पहले परिस्थितियाँ कैसी थीं? क्या बँटवारे को टाला जा सकता था? पहली बार पाकिस्तान की माँग जिन्ना ने नहीं उठाई थी, लेकिन जिसने पाकिस्तान नाम दिया उसको देश क्यों निकाला गया?