पालघर में साधुओं की हत्या के मामले को किसी जांच और नतीजे के आए बिना सांप्रदायिक एंगल दे देने वाले बीजेपी नेताओं ने बुलंदशहर में साधुओं की हत्या पर चुप्पी क्यों साध ली है।
पालघर में साधुओं की हत्या हो या दादरी में अख़लाक़ को मार डालने का मामला। दोनों ही मामलों में भीड़ ने न्याय किया। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए भीड़तंत्र को ख़त्म करना ज़रूरी है।
पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने 101 लोगों को गिरफ़्तार किया है और इसमें से एक भी शख़्स मुसलमान नहीं है।