loader
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा।फ़ोटो क्रेडिट - @sambitswaraj

पालघर मामले में शोर मचाने वाले बीजेपी नेता बुलंदशहर में साधुओं की हत्या पर चुप क्यों हैं?

उत्तर प्रदेश के बुलदंशहर में मंगलवार तड़के दो साधुओं की हत्या कर दी गई। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ ने नृशंस हत्या कर दी थी। उसके बाद क्या ट्विटर, क्या फ़ेसबुक और क्या वॉट्सऐप, ट्रोल आर्मी ने देश में तूफान खड़ा कर दिया और पूरे मामले को पलक झपकते ही सांप्रदायिक एंगल दे दिया। ट्रोल आर्मी को बीजेपी के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं, प्रवक्ताओं का इस काम में भरपूर सहयोग मिला। 

Why BJP leaders silent on the killing of sadhus in Bulandshahr - Satya Hindi
पालघर मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा का ट्वीट।

टीवी चैनलों ने मचाया शोर

पालघर मामले में कुछ टीवी चैनलों ने भी ख़ूब शोर मचाया और चीख-चीखकर कहा कि इस देश में भगवा पहनना या हिंदू होना अपराध हो गया है। लेकिन ट्रोल आर्मी के द्वारा फुलाए गए इस झूठ के गुब्बारे की हवा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने यह कहकर निकाल दी कि साधुओं की हत्या में शामिल एक भी शख़्स मुसलमान नहीं है। उनके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और कभी बीजेपी के जोड़ीदार रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी पालघर मामले में सांप्रदायिक एंगल ढूंढने वालों को चेताया। 

ताज़ा ख़बरें
लेकिन ट्रोल आर्मी कहां मानने वाली थी। उसने आसमान सिर पर उठा रखा था। बीजेपी और ट्रोल आर्मी की रट एक ही थी कि - भारत में हिंदू होना, भगवा पहनना गुनाह हो गया है। मौक़ा देखकर उत्तर प्रदेश के भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्धव ठाकरे को फ़ोन मिलाकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। 
योगी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने भी उद्धव ठाकरे को फ़ोन कर हत्यारों को पकड़ने की मांग की। बीजेपी के तमाम केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यों के नेता पालघर मामले में दनादन ट्वीट के गोले दागने लगे।

लेकिन जैसे ही बुलंदशहर में दो साधुओं की हत्या होने की ख़बर सामने आई, ट्रोल आर्मी और बीजेपी नेताओं को मानो सांप सूंघ गया है। इस मामले में कोई शोर नहीं है और लोग बीजेपी नेताओं से यही पूछ रहे हैं कि भाई साधुओं की हत्या तो यहां भी हुई है, तो भैया चुप काहे हो? 

सांप्रदायिक रंग ना दें: उद्धव 

यहां उद्धव ठाकरे ने मौक़ा देखकर योगी आदित्यनाथ को फ़ोन घुमा दिया। ठाकरे ने योगी से क्या कहा, पढ़िए - ‘इस तरह की घटनाओं में जिस तरह से हमने सख्त क़ानूनी कार्रवाई की है, हम आपसे उम्मीद करते हैं कि आप भी वैसा ही करेंगे और दोषियों को कड़ी सजा देंगे। लेकिन कोई भी इन घटनाओं को सांप्रदायिक रंग ना दे, ऐसा आह्वान करता हूं।’ 

उद्धव के राइट हैंड माने जाने वाले शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी बीजेपी नेताओं को यही संदेश दिया। राउत ने ट्वीट कर कहा - ‘साधुओं की हत्या मामले को सांप्रदायिक न बनाएं, जिस तरह कुछ लोगों ने पालघर मामले में करने की कोशिश की।’
ठाकरे और राउत का संदेश साफ है। ठाकरे ने बीजेपी को सीधा संदेश दिया है कि पालघर में साधुओं की हत्या पर मचाया गया शोर फूहड़ता के मुजाहरे के सिवा कुछ नहीं था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी कहा है कि किसी को भी इस मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।

हत्यारा बोला - भगवान की इच्छा थी

ख़ैर, बुलंदशहर की हत्या के मामले में हत्यारा पुलिस की गिरफ़्त में है। पुलिस ने कहा है कि हत्यारे का नाम राजू है। पुलिस के मुताबिक़, ‘सोमवार को दिन में राजू मंदिर से बाबा का चिमटा उठा ले गया था, इस पर साधुओं ने उसे गाली दी थी। राजू ने कहा था कि वह रात को चिमटा वापस करेगा। मंगलवार सुबह 3 बजे राजू ख़ूब भांग पीकर घर से निकला। उसके हाथ में तलवार थी और साधुओं की हत्या करने के बाद वह गांव में ही पकड़ा गया।’ पुलिस के मुताबिक़, राजू का कहना है कि यह भगवान की ही इच्छा थी।

देश से और ख़बरें

योगी सरकार से सवाल क्यों नहीं?

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मामले में किसी भी सांप्रदायिक एंगल के होने से साफ इनकार किया है। पालघर की घटना को बिना किसी जांच का नतीजा आए सांप्रदायिक बना देने वाले बीजेपी नेताओं ने शायद इसीलिए उस मुद्दे को उठाया क्योंकि वहां बीजेपी की सरकार नहीं थी और बुलंदशहर में मुंह सिले रखा क्योंकि यहां फ़ायर ब्रांड हिंदुत्ववादी भगवाधारी नेता मुख्यमंत्री हैं। कुल मिलाकर साधुओं की हत्या पर घटिया राजनीति करने की हरक़त का भंडाफोड़ हो गया। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें