दूसरे नेताओं को छोड़कर प्रियंका गाँधी को हिरासत में लेने का क्या तुक है? क्या सरकार और बीजेपी प्रियंका से घबरा गई हैं और उन्हें डराकर चुप करना चाहती हैं? प्रियंका के साथ इस तरह की ज़्यादतियों के राजनीतिक प्रभाव क्या पड़ेंगे? कहीं सरकार का दाँव उल्टा तो नहीं पड़ेगा और प्रियंका बड़ी नेता बनकर तो नहीं उभरेंगी? डॉ. मुकेश के साथ चर्चा में शामिल हैं- विनोद अग्निहोत्री, विजय त्रिवेदी, रेणु मित्तल, रविकांत और गुरदीप सपल