loader

मोदी जी, बिना FIR मुझे हिरासत, किसानों को कुचलने वाला गिरफ़्तार नहीं: प्रियंका

लखीमपुर मामले में प्रियंका गांधी ने अब सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए कहा है कि उनकी सरकार ने बिना किसी आदेश के कांग्रेस नेता को 28 घंटे से हिरासत में रखा है, लेकिन 'किसानों को कुचलने वाला व्यक्ति' गिरफ़्तार नहीं हुआ है। प्रियंका बार-बार इस पर जोर दे रही हैं कि बिना किसी वैध कारण के उन्हें हिरासत में रखा गया है और उन्हें इसके लिए कोई कागज नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा है, 'जिसे हिरासत में रखा है, वो डरती नहीं है- सच्ची कांग्रेसी है, हार नहीं मानेगी! सत्याग्रह रुकेगा नहीं।'

ट्विटर पर प्रधानमंत्री को टैग करते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है और एक वीडियो भी साझा किया है। उस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक गाड़ी किसानों को कुचलते हुए आगे निकल जाती है। 

वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों का एक समूह खेतों के बीच एक सड़क पर आगे बढ़ रहा है। फिर पीछे से तेज गति से आ रही एक ग्रे एसयूवी से उनको कुचल दिया जाता है। गाड़ी की तेज गति होने से एक व्यक्ति तो उछलकर बोनट के ऊपर गिरता है। सड़क के किनारे कई लोग बिखरे पड़े नज़र आते हैं। उस ग्रे एसयूवी के पीछे-पीछे दो और गाड़ियाँ निकलती हैं। 

कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी से कुचलकर मारे गए 4 किसानों के परिवारों से मिलने प्रियंका गांधी लखीमपुर जा रही थीं तब पुलिस ने उन्हें सोमवार तड़के हरगांव थाना क्षेत्र में हिरासत में ले लिया था। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उन्हें सोमवार सुबह क़रीब चार बजे रोका गया, जब वह लखनऊ से क़रीब 130 किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी के बाहरी इलाक़े में थीं। हिरासत में लेकर उन्हें सीतापुर के सरकारी गेस्ट हाउस में ले जाया गया। 

ताज़ा ख़बरें
कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि बीजेपी सरकार प्रियंका गांधी से डरी हुई है इसलिए ड्रोन से जासूसी करा रही है। कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने एक वीडियो ट्वीट कर लिखा है, 'देखें: कायर बीजेपी सरकार प्रियंका गांधी जी की जासूसी करने के लिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कर रही है। यह उस कमरे की खिड़की के बाहर है जहाँ उन्हें अवैध रूप से हिरासत में रखा गया है।'

यूपी कांग्रेस ने सोमवार को कई ऐसे वीडियो ट्विटर पर साझा किए जिनमें पुलिस प्रियंका गांधी को रोकती हुई नज़र आ रही है। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि प्रियंका गांधी से बदतमीजी की गई। एक ट्वीट में कांग्रेस ने कहा था, 'श्रीमती प्रियंका गांधी जी के कपड़े खींचे जा रहे हैं। पुलिस के द्वारा भोर के अंधेरे में उनके हाथ मोड़े जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी! तानाशाही लाख कर लो, हम अन्याय और नफरत के खिलाफ कुर्बानी देने वाले लोग हैं। झुकेंगे नहीं, लड़ेंगे...।'

एक दिन पहले ही प्रियंका को एक वीडियो में कहते सुना गया, 'पुलिस ने पहले बताया कि वे धारा 144 (बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की मनाही) का उल्लंघन कर रहे हैं। जब हमने उन्हें बताया कि हम चार लोग भी नहीं हैं तो फिर उन्होंने धारा 151 बताया। पुलिसकर्मियों और महिलाओं ने मुझे धक्का दिया। मेरे साथ मारपीट की गई। मैं इस तरह से दंगा कैसे करने जा रही हूँ?'

प्रियंका ने अब आरोप लगाया है कि उन्हें अबतक यानी हिरासत में लिए जाने के 24 घंटे बाद भी इसका कोई वाजिब कारण नहीं बताया गया है।

प्रियंका गांधी ने एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनको मौखिक तौर पर कहकर गिरफ़्तार किया गया है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। ये आज़ादी किसने दी? ये किसान हैं जिन्होंने दी। यहाँ उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ ऐसी त्रासदी होती है।' 

उत्तर प्रदेश से और ख़बरें

बता दें कि इस बीच यूपी सरकार ने रविवार को घोषणा की है कि लखीमपुर खीरी में कार से कुचलकर मारे गए किसानों के मामले में इसने किसानों की मांग मान ली है। किसान एफ़आईआर दर्ज कराएँगे। न्यायिक जाँच होगी। और किसानों को सरकारी नौकरी मिलेगी और मुआवजा दिया जाएगा। इसकी घोषणा पुलिस प्रमुख ने की है।

एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने रविवार को कहा था, 'कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45-45 लाख रुपये देगी और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें