भारत में सांप्रदायिक दंगे क्यों होते हैं, इसके लिए कौन ज़िम्मेदार हैं और इसका सबसे ज़्यादा नुक़सान कौन भुगतता है? यदि सांप्रदायिक दंगे न हों तो देश में कैसे हालात होंगे, पढ़िए शहीद भगत सिंह ने क्या लिखा था।
आज यानी 28 सितम्बर को शहीद भगत सिंह का जन्मदिन है। भगत सिंह किस तरह के देश का सपना देखते थे? वह आरएसएस की विचारधारा को कैसे मानते थे? भगत सिंह भारत में मज़दूरों-किसानों के राज की खुली वक़ालत करते थे। इस पर संघ की क्या थी राय?
आज यानी 23 मार्च को भगत सिंह को फांसी पर चढ़ाया गया था। भगत सिंह भगत सिंह कैसे बने? किताबों ने। किताबों से उनका गहरा लगाव था। भगत सिंह के मित्रों में से एक शिव वर्मा ने लिखा है कि भगत सिंह हमेशा एक छोटा पुस्तकालय लिए चलते थे।
आज यानी 28 सितम्बर को शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 113वीं जयंती है। उन्होंने कहा था क्रांति से हमारा अभिप्राय यह है कि वर्तमान व्यवस्था जो खुले तौर पर अन्याय पर टिकी हुई है, बदलनी चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शहीद भगत सिंह और नेताजी की मूर्तियों को वी डी सावरकर की मूर्ति के साथ एक ही पीठिका पर रखने का दुस्साहस किया गया। क्या भगत सिंह और नेताजी से सावरकर की तुलना की जा सकती है?