दुष्कर्म मामले में आरोपी से पीड़िता की शादी के कथित प्रस्ताव वाली रिपोर्टों को मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ़्ते उस मामले में सुनवाई के दौरान पूरी तरह ग़लत रिपोर्टिंग की गई।
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म और ओटीटी की सामग्री को नियंत्रित करने के लिए दिशा- निर्देश उसके सामने पेश करे। सर्वोच्च अदालत ने इसके पीछे तर्क देते हुए कहा है कि कुछ तो पोर्न सामग्री तक दिखाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फ़ैसले में कहा है कि सरकार से अलग राय प्रकट करना राजद्रोह नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने फ़ारूक़ अब्दुल्ला के ख़िलाफ़ दायर याचिका की सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया है।
दुष्कर्म पीड़िता से आरोपी की शादी कराने की टिप्पणी को लेकर महिला अधिकारों की पैरवी करने वाले क़रीब 4000 एक्टिविस्टों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को इस्तीफ़ा देने की मांग की है। इन्होंने एक खुल ख़त लिखा है और माफीनामा भी जारी करने की मांग की है।
एक दिलचस्प मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने एक बलात्कार अभियुक्त से पूछा, "यदि तुम शादी करगो तो हम तुम्हारी मदद कर सकते हैं, यदि तुम ऐसा नहीं करते हो तो तुम्हारी नौकरी चली जाएगी और तुम जेल जाओगे।"
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विगत 8 फ़रवरी को न्यूज़ चैनलों के स्व-नियमन संस्था को लिखा है कि कुछ चैनलों ने अपनी ख़बरों में दलित शब्द का प्रयोग किया है जो प्रोग्राम कोड के तीन उपबंधों का उल्लंघन है।
यूपीएससी के जो अभ्यर्थी 2020 में परीक्षा में अपने आख़िरी प्रयास का इस्तेमाल कर लिया है उनको अब कोई दूसरा मौक़ा नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह फ़ैसला एक याचिका पर दिया है।
जस्टिस रंजन गोगोई के साथ क्या साजिश हुई थी? बंगाल चुनाव में प्रभाव डालेगा किसान आंदोलन? पेट्रोल 100 के पार इसके लिए भी ज़िम्मेदार कांग्रेस? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण. Satya Hindi
पत्रकार राजदीप सरदेसाई के ख़िलाफ़ न्यायपालिका से संबंधित उनके ट्वीट के लिए मुक़दमा किए जाने की ख़बरों को सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों ने खारिज किया है। कहा गया है कि ग़लती से SC वेबसाइट पर स्टेटस दिखा।
केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को आख़िरकार ज़मानत तो मिल गई लेकिन सिर्फ़ पाँच दिन के लिए। वह भी शर्तों के साथ। सुप्रीम कोर्ट ने यह ज़मानत इस शर्त पर दी है कि वह अपनी 90 वर्षीय माँ से मिलेंगे जो बहुत बीमार हैं।
क्या सरकार नहीं चाहती सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस कुरैशी को? कोलेजियम पर सरकार हावी या सरकार कोलेजियम पर? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट। SatyaHindi
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका ठुकराते हुए एक ऐसे फ़ैसले को सही ठहरा दिया है जो ढेर सारे प्रश्नों को जन्म देता है। इससे लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार बाधित हो सकता है और सरकारों को आंदोलन कुचलने का नया हौसला मिल सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण फ़ैसले में कहा है कि 'विरोध प्रदर्शन करने और असहमति जताने का अधिकार कुछ कर्तव्यों के साथ है और यह कहीं भी व कभी भी नहीं हो सकता है।'
स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत तो शुक्रवार को ही दे दी थी लेकिन जेल से रिहा शनिवार देर रात रिहा किए जा सके। वह भी तब जब सुप्रीम कोर्ट से फ़ोन गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को देखने के लिए वेबसाइट को देखें।