दिल्ली के अल्पसंख्यक आयोग ने स्वास्थ्य विभाग से कहा है कि कोरोना वायरस पर हर रोज़ जारी किए जाने वाले बुलेटिन में तब्लीग़ी जमात कार्यक्रम का अलग से ज़िक्र नहीं किया जाए।
कोरोना वायरस को लेकर महाराष्ट्र में अब राजनीति गरमाने लगी है। प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय गृह मंत्री पर सीधा निशाना साधा है।
ख़ून में सना एक व्यक्ति के हंगामा करने के एक वीडियो में दावा किया गया है कि '14 दिन के एकांतवास में भी इन तब्लीग़ी जमात के लोगों ने अश्लीलता और आतंक मचा रखा है'। पढ़िए झूठ या सच।
जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि मीडिया का कुछ हिस्सा तब्लीग़ी जमात के दिल्ली में पिछले महीने हुए कार्यक्रम को लेकर सांप्रदायिक नफ़रत फैला रहा है।
मनमोहन वैद्य ने कहा कि कई जगहों पर जमात से निकले जो लोग मसजिदों में छिपे हैं, मुसलिम समुदाय के ही लोग इनके बारे में प्रशासन को सूचना दे रहे हैं। उन्होंने इस काम की तारीफ़ की।
राष्ट्रीय मीडिया की घनघोर कृपा से कोरोना प्रसंग पूरी तरह से तबलीगी जमात पर शिफ़्ट हो चुका है। हम इन पर अलग अलग तरह के दानिशवरों की राय आप तक पहुँचा रहे हैं। इसी सिलसिले में जेएनयू के प्रोफेसर मज़हर हुसैन आज शीतल पी सिंह के सवालों के सामने थे।
देश में कोरोना वायरस के जितने भी पॉजिटिव मामले आए हैं उसमें से क़रीब 33 फ़ीसदी तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में जुटी भीड़ से जुड़े रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में यह कह गया है।
जमाते-तब्लीग़ी का दोष बिल्कुल साफ़-साफ़ है लेकिन इसे हिंदू-मुसलमान का मामला बनाना बिल्कुल अनुचित है। लेकिन मौलाना साद ने अपनी करतूतों के लिए पश्चाताप नहीं किया और माफ़ी नहीं माँगी है।
तब्लीग़ी के मौलाना साद ग़लती मानने को तैयार नहीं हैं। उनका जवाब आया है। वे इसे साज़िश क़रार दे रहे हैं। कह रहे हैं कि तब्लीग़ी को बदनाम किया जा रहा है। अपनी बेवक़ूफ़ी की वजह से हज़ारों लोग की जान जोखिम में डालने वाले इस शख़्स को कब अक़्ल आयेगी? देखिए आशुतोष की बात।
तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद ने कहा है कि वह अभी सेल्फ़ क्वरेंटाइन में हैं और जब 14 दिन पूरे हो जाएँगे तो वह दिल्ली पुलिस के नोटिस का जवाब देंगे। ऐसा एक बयान जारी कर कहा गया है।