तब्लीग़ी जमात के प्रमुख मौलाना साद दिल्ली के ज़ाकिर नगर में स्थित अपने घर में मौजूद हैं। इस बात की जांच की जा रही है कि मौलाना कहीं कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं हैं। दिल्ली पुलिस इस बारे में फ़ैसला करेगी कि मौलाना साद को सरकार के द्वारा बनाये गये क्वरेंटीन सेंटर में रखा जाये या सेल्फ़-आइसोलेशन का समय पूरा होने तक उन्हें उनके घर में ही रहने की अनुमित दी जाये। पुलिस मरकज़ से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। मौलाना साद की तलाश में पुलिस ने ज़ाकिर नगर के अलावा निज़ामुद्दीन और उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में स्थित उनके घरों पर भी छापेमारी की थी।
मौलाना साद व पांच अन्य के ख़िलाफ़ मार्च के महीने में मरकज़ निज़ामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने पर एफ़आईआर दर्ज की गई थी और उसके बाद से वह फरार चल रहे थे। दिल्ली सरकार का कहना था कि जब 13 मार्च से ही भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर बैन लगा दिया गया था तो फिर यह कार्यक्रम क्यों किया गया। केजरीवाल सरकार ने कहा था कि तब्लीग़ी जमात की ओर से लॉकडाउन के दौरान यह कार्यक्रम करना एक अपराध है।
पुलिस ने मौलाना साद से परिजनों की मेडिकल रिपोर्ट देने के लिये कहा है। मरकज़ के प्रतिनिधियों ने इस बात का खंडन किया था कि मौलाना कहीं भाग गये हैं। उन्होंने कहा था कि अगर पुलिस साद से पेश होने के लिये कहेगी तो वह सामने आ जायेंगे। दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद से पूछे जाने वाले 26 सवालों की सूची तैयार की है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस मौलाना साद के बेटे मौलाना यूसुफ़ से भी पूछताछ कर सकती है।
दिल्ली में कोरोना वायरस से 669 लोग संक्रमित हुए हैं और इनमें से 426 लोग वे हैं, जो मरकज़ निज़ामुद्दीन से जुड़े हुए हैं। कुछ दिन पहले मौलाना साद ने एक ऑडियो जारी कर कहा था कि वह सेल्फ़ आइसोलेशन में हैं। उन्होंने जमात से जुड़े लोगों से सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिये भी कहा था।
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