चुनाव आयोग मीडिया में आलोचना के ख़िलाफ़ कोर्ट की शरण में क्यों गया? मद्रास हाईकोर्ट की मौखिक टिप्पणियों के बाद मीडिया में चुनाव आयोग की आलोचना की बाढ़ आ गई थी। अब चुनाव आयोग चाहता है कि कोर्ट मीडिया का मुँह बंद करे। क्या ये सही है?
देश की सड़कों पर साल भर पहले के दृश्य फिर से नज़र आ रहे हैं। लॉकडाउन की आशंकाओं से घिरे मज़दूर दिल्ली, मुंबई और दूसरे बड़े शहरों से घर को चल पड़े हैं। सरकारें उन्हें भरासे में क्यों नहीं ले पाईं?
जब देश महामारी से बेहाल है तो अरबपतियों की तादाद बढ़ रही है, उनकी संपत्तियों में कई गुना की वृद्धि हो रही है। ऐसा क्यों हो रहा है? अदानी-अंबानी की तिजोरियाँ क्यों भर रही हैं? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
मोदी सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार सन् 2020 में चीन एक बार फिर से भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार बन गया है। जब सरकार चीन के साथ सौदों को रद्द कर रही थी, चीनी ऐप को बैन कर रही थी तो ऐसा कैसे हो गया? क्या सरकार देश से झूठ बोल रही थी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आँकड़ों के अनुसार राजद्रोह और ग़ैर कानूनी गतिविधियाँ रोकथाम कानून यानी यूएपीए के मामलों में एकदम से बढ़े हैं। ये आँकड़े बताते हैं कि केंद्र और राज्य की सरकारें ज़्यादा दमनकारी हुई हैं और हालात पैंतालीस साल पहले लगाई गई इमर्जेंसी से भी बदतर हुए हैं। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि कर्नाटक में राममंदिर के लिए चंदा ले रहे लोग चंदा देने और न देने वालों के घरों पर निशान लगा रहे हैं। सवाल उठता है कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्या ये हिटलर के कार्यक्रमों से प्रेरित है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका ठुकराते हुए एक ऐसे फ़ैसले को सही ठहरा दिया है जो ढेर सारे प्रश्नों को जन्म देता है। इससे लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार बाधित हो सकता है और सरकारों को आंदोलन कुचलने का नया हौसला मिल सकता है। वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
क्रिकेट खिलाड़ी वसीम जाफ़र ने अपने ऊपर लगाए गए तमाम आरोप के जवाब दे दिए हैं और ऐसा लगता है कि उत्तराखंड क्रिकेट संघ के अधिकारी अब पीछे हटने लगे हैं। लेकिन उन्होंने ऐसा किया क्यों और क्या इस खेल में भगवा राजनीति की भी कोई भूमिका है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
सरकार ने ट्विटर को 1178 भारतीयों के खाते बंद करने के आदेश दिए थे मगर ट्विटर ने उसका पूरी तरह से उसका पालन नहीं किया। इससे सरकार नाराज़ है और अब उसने भारतीय विकल्प कू को अपना लिया है। क्या होगा? इसका अंजाम वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
संसद में प्रधानमंत्री मोदी ने कई आपत्तिजनक बातें कही हैं। इससे न केवल उनको बल्कि उनकी पार्टी को भी नुक़सान उठाना पड़ेगा? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
किसान आंदोलन के साथ ज़्यादतियों की ख़बरें विश्व भर में फैल चुकी हैं। इससे मोदी और देश दोनों की छवि खराब हुई है। मगर क्या मोदी सरकार अब भी आँखें मूँदे रहेगी? क्या अभी भी वह प्रोपेगंडा और सेलेब्रिटियों के बल पर अपनी कारगुज़ारियाँ छिपाने की सोचती रहेगी? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-
वर्ष 2020 अब कुछ घंटों का ही मेहमान है। लेकिन ये वर्ष इतिहास के सबसे यादगार वर्षों के रूप में दर्ज़ किया जाएगा। इस वर्ष की प्रमुख घटनाओं के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार-
तमाम विपक्षी दल काँग्रेस नेतृत्व से निराश होते जा रहे हैं। वे चाहते हैं कि मोदी-शाह की तानाशाही के ख़िलाफ़ उनका नेतृत्व करें, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। क्या इसीलिए शिवसेना शरद पवार को यूपीए का अध्यक्ष बनाना चाहती है?
प्रशांत किशोर ने कहा है कि अगर बीजेपी बंगाल में दहाई का आँकड़ा भी पार कर ले तो वे अपना काम छोड़ देंगे। उनकी इस चुनौती का क्या मतलब है? क्या और टूट-फूट को रोकने के लिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है? वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की रिपोर्ट-