विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने वाले और ममता बनर्जी की तीखी आलोचना करने वाले बाबुल सुप्रियो उसी पार्टी में अपना भविष्य देख रहे हैं।
क्या तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल से बाहर निकल कर दूसरे राज्यों और केंद्रीय स्तर पर राजनीति करना चाहती है? क्या वह ममता बनर्जी को केंद्रीय राजनीति में लाकर नरेंद्र मोदी कौ चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही है?
चुनावों में अपने मुताबिक़ मुद्दे तय करने में माहिर बीजेपी पश्चिम बंगाल में लगता है कि तृणमूल द्वारा तय मुद्दे में फँसती दिख रही है। राम और दुर्गा विवाद के बहाने बाहरी और बंगाली का मुद्दा ख़ड़ा होता दिख रहा।
ममता बनर्जी के समर्थक नये नारे- 'बंगला निजेर मयेके छै' यानी 'बंगाल को अपनी बेटी ही बेटी चाहिए' को सोशल मीडिया पर है शेयर कर रहे हैं। ममता क्या अब 'दीदी' कहा जाना पसंद नहीं करती हैं? आख़िर उन्होंने अब 'बंगाल की बेटी' का नारा क्यों दिया है?
पश्चिम बंगाल में अगले अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। यहाँ तृणमूल 10 साल से सत्ता में है और अब तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है। लेकिन क्या वह ऐसा कर पाएगी?
लोकसभा में सरकार पर आक्रामक शैली में तीखे हमले बोलने के लिए चर्चित महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस उन पर निगरानी रख रही है। उन्होंने इसे तुरन्त बंद करने और अपने आवास के बाहर तैनात सुरक्षा कर्मियों को वहाँ से हटाने की माँग की है।
अमित शाह के दौरे के समय शनिवार को अपने दल-बल के साथ भगवा झंडा थामने वाले शुभेंदु अधिकारी हों या फिर दो साल पहले टीएमसी से नाता तोड़ कर बीजेपी के पाले में जाने वाले मुकुल राय, किसी का दामन उजला नहीं है।
अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव बहुत दिलचस्प होने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव 2019 से भगवा फहराने की तैयारी में बीजेपी क्या बंगाल में कमल खिला सकेगी? यह बहुत मौजूँ सवाल है।
Satya Hindi News bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन।हाथरस जा रहे तृणमूल के सांसदों को यूपी पुलिस ने रोका।हाथरस मामले में अब हाईकोर्ट लेगा प्रशासन की खोज ख़बर