लालजी वर्मा और राम अचल राजभर के बाद शुक्रवार सुबह बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख नेता और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री देव नारायण सिंह उर्फ जीएम सिंह ने भी मायावती का साथ छोड़ दिया।
बीजेपी ने यूपी के चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, मगर उसकी राह में क्या मुश्किलें हैं और वह उनसे कैसे निपटेगी? अरविंद मोहन, यशवंत देशमुख, विनोद अग्निहोत्री, प्रो.रविकांत
जहां एक ओर पूरे देश में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर बीजेपी फरवरी-मार्च 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। RSS सरकार्यवाह की लखनऊ में बैठक!, क्या यूपी में होगा बदलाव?‘टूलकिट’: दो कांग्रेसी नेताओं को दिल्ली पुलिस का नोटिस। देखिए दोपहर तक की ख़बरें -
उत्तर प्रदेश जैसे विशालकाय सूबे की चार बार मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने सोमवार को एलान किया है कि उनकी पार्टी बीएसपी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी।
राजभर उत्तर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं तो ओवैसी ने बिहार चुनाव के बाद हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भी इस बात को साबित किया है कि मुसलिम मतदाता उनके साथ खड़े हैं।
दिल्ली में बीजेपी और कांग्रेस को धूल चटा चुकी आम आदमी पार्टी ने एलान किया है कि वह फरवरी 2022 में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को पूरी ताक़त के साथ लड़ेगी।
यह सर्वविदित है कि आरएसएस में ब्राह्मणों का वर्चस्व है जबकि योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी में ठाकुरों का दबदबा है। हाल की घटनाओं से ऐसा लगता है जैसे संघ और योगी के दरम्यान शह और मात का खेल चल रहा है।