लगातार आ रहे सर्वे और विभिन्न अंचलों से मिल रही प्रतिक्रिया से लग रहा है कि यूपी की हवा बदल रही है .यह बदलाव बीते एक महीने में ज्यादा महसूस किया जा रहा है .ऐसा क्यों हुआ
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के सामने अखिलेश यादव पार्टी किस तरह का प्रदर्शन कर पाएगी? क्या वह पिछड़ी और हाशिये की जातियों को साध पाएँगे?
बुंदेलखंड में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है .यह अंचल भूख और भुखमरी का भी रहा है .नीति आयोग की रपट में तो समूचा यूपी ही फिसड्डी निकला पर बुंदेलखंड तो और पीछे होगा .बुंदेलखंड की हवा का रुख क्या है यह समझेंगे आज की जनादेश चर्चा में .
प्रयागराज में चार दलितों की हत्या। बच्ची के साथ बलात्कार। मगर राजनीति बेखबर क्यों है? प्रियंका गांधी तो वहां पहुंचीं लेकिन अखिलेश यादव कहां हैं? मायावती ने कहा दलित सपा जैसों से सावधान रहें। लेकिन क्या कर रहे हैं अखिलेश यादव? कहां है सपा की बाबा साहब वाहिनी? उत्तर प्रदेश की राजनीति में कहां खो गया है दलितों का सवाल?
दो दिन के भीतर अखिलेश यादव से तीन दलों के नेता मिले और गठबंधन पर सहमति बनी .लोकदल ,अपना दल और आम आदमी पार्टी के नेताओं से बात हो गई है .कई दलों से पहले ही गठबंधन हो चुका है .ऐसे में यह गठबंधन फिलहाल भारी नजर आता है सामाजिक आधार को देखते हुए .आज की जनादेश चर्चा इसी पर
अखिलेश यादव राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और महान दल के साथ गठबंधन कर चुके हैं। देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी भी उनके साथ आती है।
योगी आदित्यनाथ के कंधे पर हाथ रखे प्रधानमंत्री मोदी की तसवीर क्यों जारी की गई? क्या यह संदेश देने के लिए दोनों के बीच कोई दूरियाँ नहीं हैं? क्या यह एक्सप्रेस वे उद्घाटन के मौक़े पर मोदी की गाड़ी के पीछे चलते हुए दिखे योगी की तसवीर की प्रतिक्रिया में है?
कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद भले ही आरएलडी का गठबंधन बीजेपी के साथ होने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन गठबंधन सपा के साथ हो जाने की ख़बर है। जानिए, कितनी सीटों पर बनी सहमति और क्या हैं इसके मायने।
प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों में भीड़ जुटाने का काम करेगा सरकारी अमला। बीजेपी के नेता और एमएलए कहां गए? सबसे बड़ी पार्टी का सबसे बड़ा संगठन काम नहीं कर रहा है क्या? या टिकट कटने के डर में नाराज़ हैं पार्टी के एमएलए?