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फ़ाइल फ़ोटो।

सपा के साथ आ सकती है आप, अखिलेश-संजय सिंह मिले

आम आदमी पार्टी भी क्या उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ आ सकती है। इस बात की चर्चा पहले भी हुई थी लेकिन बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की मुलाक़ात हुई तो यह चर्चा फिर से जिंदा हो गई। 

दोनों नेताओं के बीच एक घंटे तक बातचीत हुई। इस बारे में ‘आज तक’ के साथ बातचीत में संजय सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य बीजेपी के कुशासन को हटाना है और इसीलिए हम साथ आने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा से गठबंधन की दिशा में बातचीत शुरू हो चुकी है। 

बता दें कि अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोकदल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और महान दल के साथ गठबंधन फ़ाइनल कर लिया है और अब ये दल मिलकर 2022 का चुनाव लड़ेंगे। 

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उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन महीने के अंदर विधानसभा के चुनाव होने हैं। इतने बड़े प्रदेश के लिए यह वक़्त बेहद कम है। ऐसे में अगर सरकार बनानी है तो विपक्षी दलों का एक मज़बूत गठबंधन बनाना ही होगा। अखिलेश ने महान दल, राष्ट्रीय लोकदल, सुभासपा के बाद आम आदमी पार्टी को भी अपने पाले में लाने की कोशिश कर एक ताक़तवर गठबंधन खड़ा करने की दिशा में क़दम बढ़ाए हैं। 

अखिलेश यादव के साथ पश्चिम में राष्ट्रीय लोकदल है तो पूर्वांचल में राजभर की सुभासपा। राजभर के अखिलेश यादव के साथ आने से पूर्वांचल में कई सीटों पर असर पड़ सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में राजभर बीजेपी के साथ मिलकर लड़े थे और उसे इसका फ़ायदा भी मिला था। लेकिन इस बार बीजेपी को यहां नुकसान हो सकता है। 

हालांकि बीजेपी ने निषाद पार्टी और अपना दल के साथ गठबंधन किया हुआ है। लेकिन वह जानती है कि ओम प्रकाश राजभर का पूर्वांचल के कुछ जिलों में अच्छा जनाधार है और वहां वह उसे सियासी नुक़सान पहुंचा सकते हैं। 

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आप की सियासी सक्रियता 

संजय सिंह सांसद होने के साथ ही उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी के प्रभारी भी हैं। बीते एक साल से आम आदमी पार्टी का संगठन और संजय सिंह उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हैं। संजय सिंह ख़ुद भी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से आते हैं और यहां वह सपा के साथ चुनाव लड़कर कुछ सीटें झटकना चाहते हैं। संजय सिंह की सियासी सक्रियता के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कई जिलों में मुक़दमे दर्ज कर दिए थे। 

देखना होगा कि क्या आम आदमी पार्टी समाजवादी पार्टी के गठबंधन के साथ आती है। शुरुआती संकतों से ऐसा लगता है कि ऐसा होना मुश्किल नहीं है और इस बारे में एलान जल्द ही हो जाएगा। 

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क़मर वहीद नक़वी

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