उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव का प्रचार अभियान शुरू हो गया है .अब इसमें आंदोलन कर रहे किसान कूदने जा रहे हैं .इसका क्या असर पड़ेगा ?आज की जनादेश चर्चा शाम सात बजे
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खुली प्रशंसा वाराणसी में आकर कर गये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मगर, इससे योगी का यूपी चुनाव में चेहरा बनना तय नहीं हो जाता।
करीब आधा दर्जन राज्यों में भाजपा अंदरूनी कलह से जूझ रही है .यूपी ,एमपी ,उतराखंड ,कर्नाटक जैसे राज्य उदाहरण हैं .अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत शीर्ष नेतृत्व को फिर दिल्ली तलब किया गया है ,क्या है इसका अर्थ ?आज की जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे
राष्ट्रीय लोकदल ने भाईचारा सम्मेलनों का सिलसिला शुरू करने का एलान किया। क्या फर्क पड़ेगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर? क्या जाट और मुस्लिम साथ आ पाएंगे? क्या यह ब्राह्मण सम्मेलनों का जवाब भी है? आलोक जोशी के साथ विनोद अग्निहोत्री, यूसुफ अंसारी, हरिशंकर जोशी, पुष्पेंद्र सिंह और अंबरीश कुमार।
जातियों की सियासत के लिए पहचाने जाने वाले उत्तर प्रदेश में बीएसपी ने ब्राह्मण सम्मेलन शुरू किए तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनाधार रखने वाली राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) ने इसके जवाब में भाईचारा सम्मेलन की शुरुआत की है।
मायावती ब्राह्मणों को लुभाने में क्यों लगी हैं? बसपा अगर विचारधारा के अनुसार चली होती तो क्या आज वोट की तलाश में ब्राह्मण के पास पहुँचने की ज़रूरत पड़ती?
बीएसपी अगर ब्राम्हणों को लुभाने में लगी है तो उसमें ग़लत क्या है? चुनाव जीतने के लिए दूसरे दल जैसे जातीय गँठजोड़ बनाने की कवायद नहीं कर रहे हैं, क्या वह बीसपी की कोशिश से अलग है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं विनोद अग्निहोत्री, शरद गुप्ता, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश और उदय यादव
बाबा साहब के दलित आंदोलन को कांशीराम ने आगे बढ़ाया था .मायावती ने उसे कितना आगे बढ़ाया यह आज अयोध्या में दिखा जिसके पोस्टर पर परशुराम नजर आए .आज की जनादेश चर्चा इसी पर शाम सात बजे .
ऐसे दौर में, जबकि योगी सरकार के विरुद्ध बीजेपी के भीतर और बाहर आम जनता में, असंतोष की अग्नि जल रही है तब क्या गड्ढे में धंसी कांग्रेस अपने भूत से कुछ सीखने की कोशिश कर रही है या अभी भी वह पुरानी गुत्थियों को सुलझाने में ही उलझी हुई है?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की योजनाओं और कथित उपलब्धियों का प्रचार ऐसे कर रहे हैं, मानो उन्हें अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा का नहीं बल्कि देश का चुनाव लड़ना है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सियासी ज़मीन को मजबूत करने के लक्ष्य को लेकर मैदान में उतरीं पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बड़ा बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश की राजनीति में इन दिनों नारा चल रहा है – 2017 में राम लहर और 2022 में परशुराम लहर। कांग्रेस यूपी में ब्राह्मणों को मनाने में लगी है। सपा ने भगवान परशुराम के नाम का सहारा लिया है तो अब बीएसपी ने अपना ब्राह्मण कार्ड खेल दिया है।
यूपी चुनाव के लिए प्रियंका की रणनीति क्या है? क्या उन्हें मुख्यमंत्री पद की दावेदार बनना चाहिए? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-एन के सिंह, विनोद अग्निहोत्री, शरत् प्रधान, आचार्य प्रमोद कृष्णम, प्रिया सहगल-
ओवैसी यूपी में मुस्लिम इलाक़ों में घूम रहे हैं । समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उनके निशाने पर हैं । आख़िर उनका गुप्त एजेंडा क्या है ? वे किसको हराना चाहते हैं ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, फ़ैयाज़ अहमद, समी अहमद, नीरेंद्र नागर और आलोक जोशी ।