क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप पर राजद्रोह का मामला बनता है? क्या 20 जनवरी को कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर उन्हें पद से हटाया जा सकता है?
ट्रंपवादियों की उग्र भीड़ मंगलवार से ही कैपिटल हिल या संसद भवन के सामने डोनल्ड ट्रंप के समर्थन में और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन तथा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के विरोध में प्रदर्शन कर रही थी।
हिंसा, गोलीबारी और संसद परिसर कैपिटल बिल्डिंग में घुस कर तोड़फोड़ करने के डोनल्ड ट्रंप के समर्थकों की करतूतों के बाद राष्ट्रपति ने अपरोक्ष रूप से ही सही, अपनी हार मान ली है।
बुधवार को राजधानी वॉशिंगटन के संसद परिसर कैपिटल में जिस समय डोनल्ड ट्रंप के समर्थक अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की, राष्ट्रपति न सिर्फ़ अपने दफ़्तर में टेलीविज़न पर चुपचाप तमाशा देखते रहे, बल्कि उन्होंने उस स्थिति में भी उस उत्तेजित भीड़ को और भड़काया।
राष्टपति डोनल्ड ट्रंप के मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों ने 20 जनवरी को उनके कार्यकाल ख़त्म होने के पहले ही उन्हें पद से हटाने की माँग की है। उन्होंने कहा है कि वे इसके लिए अमेरिकी संविधान के अनुच्छेद 25 का इस्तेमाल करेंगे।
कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के बाद ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का एकाउंड ब्लॉक कर दिया है। ऐसा शायद पहली बार है कि किसी राष्ट्र के प्रमुख का सोशल मीडिया एकाउंट इतने बड़े स्तर पर ब्लॉक किया गया हो।
अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप के हार न मानने से जिस हिंसा का डर था वही हुआ। कैपिटॉल हिल में 4 लोग मारे गये। 52 लोगों को गिरफ़्तार किया गया। हिंसा के बाद सांसदों की बैठक करने वाली जगह कैपिटल बिल्डिंग को बंद करना पड़ा था।
छह जनवरी को अमेरिका की नवनिर्वाचित संसद के दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन होगा, जिसमें निवर्तमान उपराष्ट्रपति माइक पेंस को अपनी चुनावी औपचारिकता निभाते हुए नए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा करनी है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहीं मिशेल ओबामा ने आसान सत्ता हस्तांतरण नहीं करने पर डोनल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप और मेलानिया ट्रंप को ओबामा कार्यकाल याद दिलाया है।
अमेरिका के अगले राष्ट्रपति पर अजीबोगरीब उलझन है। पॉपुलर वोटों के आधार पर राष्ट्रपति का चुनाव जो बाइडन को जीता हुआ बताया जा रहा है, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी आख़िरी घोषणा नहीं हुई है। ट्रंप हार मानने को तैयार नहीं हैं।
स्मिता शर्मा ने बात की वॉशिंगटन डीसी में American Enterprise Institute (AEI) के सामरिक विशेषज्ञ और Wall Street Journal के columnist सदानंद धुमे से।Satya Hindi
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