Satya Hindi News bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। SC: आप ये नहीं कह सकते कि आप केन्द्र हैं जानते हैं कि क्या सही है। सेंट्रल विस्टा ज़रूरी, चलता रहे काम: दिल्ली हाई कोर्ट। दोपहर तक की ख़बरें -
कोरोना टीके की कमी और साल के अंत तक हर हाल में देश के सभी लोगों का टीकाकरण करने के दावों के बीच सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि टीके का उत्पादन यकायक नहीं बढ़ाया जा सकता है।
जैसे 21 दिनों में कोरोना से लड़ाई ‘जीते’ वैसे ही दिसंबर तक सभी को टीका भी लग जाएगा? आखिर टीकाकरण का लक्ष्य वास्तविकता से परे क्यों लगता है? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण-
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। केजरीवाल : फाइजर और मॉडर्ना ने कहा केन्द्र से ही करेंगे बात । बिहार सरकार वैक्सीन को लेकर नहीं निकालेगी ग्लोबल टेंडर!
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने कहा कि मोदी सरकार ने अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया लेकिन इस बात की जांच तक नहीं की कि वैक्सीन का स्टॉक कितना है।
वैक्सीन की कमी को लेकर चारों ओर से घिरी मोदी सरकार ने इस मामले में किस कदर बिना सोचे-समझे काम किया, इसका पता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव के बयान से चलता है।
जब से हमारे देश में कोरोना आया है, केंद्र हो या राज्य सरकारें, सब यही कह रही हैं कि यह लड़ाई हमें जीतनी है। देशवासी भी यही चाहते हैं कि हम कोरोना से जंग जीत जाएं।
देश भर से ऐसी ख़बरें आ रही हैं कि राज्यों में कोरोना वायरस के टीके की काफ़ी कमी है। ऐसे वक़्त में केंद्र सरकार पर टीकों की किल्लत को दूर करने का जबरदस्त दबाव है
सरकार ने कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच की अवधि बढ़ा दी है। आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? टीकाकरण पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को क्यों फटकारा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार का विश्लेषण-