त्रिपुरा में चुनावी सर्वे कर रही चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम को हाल ही में हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। इससे साफ है कि बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं का अगला रण क्षेत्र त्रिपुरा ही होगा।
त्रिपुरा पुलिस ने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। यह मामला उससे जुड़ा है जिसमें टीएमसी नेताओं पर त्रिपुरा में कथित तौर पर हमले हुए हैं।
त्रिपुरा पुलिस ने दावा किया है कि राज्य के मुख्यमंत्री बिप्लब देव पर शाम को जानलेवा हमला किया गया, उस समय वे शाम को घर के बाहर टहल रहे थे। तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम आईपैक का कहना है कि उसके लोगों को त्रिपुरा में होटल से बाहर नहीं निकलने दिया गया और उन्हें वहाँ नज़रबंद रखा गया। वे वहाँ तृणमूल कांग्रेस की संभावनाओं का पता लगाने गए थे।
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में मवेशी ले जा रहे तीन लोगों को उत्तेजित स्थानीय लोगों ने पीट-पीट कर मार डाला। मारे गए लोगों के नाम हैं-ज़ायद हुसैन, बिलाल मियाँ और सैफ़ुल इसलाम।
अक्टूबर में देब से नाराज कुछ बीजेपी विधायक दिल्ली आए थे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इसके बाद उन्होंने महासचिव (संगठन) बीएल संतोष से भी मुलाक़ात की थी।
क्या त्रिपुरा की बीजेपी सरकार के लिए ख़तरे की घंटी बज गई है? कम से कम 7 विधायक मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ख़िलाफ़ बग़ावत पर उतर आए हैं और उन्हें बदलने की माँग को लेकर दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।