पुलवामा हमले के दिन जिम कार्बेट पार्क में प्रधानमंत्री मोदी की जिस शूटिंग को लेकर पूरे देश की राजनीति में तूफ़ान मचा था वह वीडियो अब बनकर तैयार हो गया है। डिस्कवरी चैनल ने शूट किए गए उस वीडियो का प्रोमो रिलीज़ किया है। चैनल इसे अपने ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ कार्यक्रम में 12 अगस्त को रात 9 बजे दिखाएगा। यह कई भाषाओं में रिलीज़ होगा। जिस तरह से इसकी शूटिंग के दौरान विवाद हुआ था उससे इस आशंका को बल मिलता है कि कहीं फिर से इस पर वैसा ही विवाद तो नहीं खड़ा हो जाएगा? यह आशंका इसलिए है क्योंकि जिस दिन (14 फ़रवरी) प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क में शूटिंग कर रहे थे उसी दौरान जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने हमला कर दिया था। उस हमले में कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे। यह हाल के दशकों में जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा हमला था।
बहरहाल, डिस्कवरी चैनल के कार्यक्रम ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ के होस्ट बियर ग्रिल्स ने अपने ट्वीट में कहा, ‘180 देशों के लोगों को पीएम मोदी के अनछुए पहलू देखने को मिलेंगे, जब वह पशु संरक्षण और पर्यावरण परिवर्तन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए भारत के जंगल में साहस का प्रदर्शन करते दिखेंगे।’
People across 180 countries will get to see the unknown side of PM @narendramodi as he ventures into Indian wilderness to create awareness about animal conservation & environmental change. Catch Man Vs Wild with PM Modi @DiscoveryIN on August 12 @ 9 pm. #PMModionDiscovery pic.twitter.com/MW2E6aMleE
— Bear Grylls (@BearGrylls) July 29, 2019
बियर ग्रिल्स के नाम से पहचाने जाने वाले एडवर्ड माइकल ग्रिल्स एक ब्रिटिश पूर्व एसएएस सर्विसमैन हैं। वह लेफ्टिनेंट-कर्नल रहे और अपने सैन्य करियर के बाहर एक साहसी, लेखक, टेलीविजन प्रजेंटर और व्यवसायी हैं। वह मुख्य तौर पर अपनी टेलीविज़न सीरीज़ ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ (2006-2011) के लिए जाने जाते हैं, जिसका मूल शीर्षक बॉर्न सर्वाइवर: बेयर ग्रिल्स था।
इस वीडियो पर मोदी ने क्या कहा?
डिस्कवरी चैनल ने सोमवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में शूट किया गया विशेष एपिसोड वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर है। इस एपिसोड में प्रधानमंत्री दिखेंगे और वह प्रकृति के बीच रहने और अपने साहसिक पक्ष को प्रदर्शित करने के अपने अनुभवों के बारे में साझा करते हुए दिखेंगे।
चैनल ने मोदी के हवाले से कहा, ‘सालों से मैं प्रकृति के बीच, पहाड़ों और जंगलों में रहा हूँ। इन वर्षों का मेरे जीवन पर स्थायी प्रभाव है। इसलिए जब मुझसे राजनीति से परे जीवन पर केंद्रित और वह भी प्रकृति के बीच में एक विशेष कार्यक्रम के बारे में कहा गया तो मैं इसमें भाग लेने का इच्छुक था। मेरे लिए यह शो विश्व को यह दिखाने का शानदार अवसर है कि भारत की समृद्ध पर्यावरण विरासत है और पर्यावरण संरक्षण के महत्व और प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने पर ज़ोर रहा है। यह एक बार फिर से जंगल में समय बिताने का एक शानदार अनुभव था, इस बार बियर के साथ, जो खोज और प्रकृति का अनुभव करने के लिए अथक ऊर्जा के धनी हैं।’
चुनाव से पहले हुआ था विवाद
पुलवामा हमला और मोदी की शूटिंग का यह मामला लोकसभा चुनाव से कुछ हफ़्ते पहले फ़रवरी में हुआ था। चुनाव के समय था तो इस मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा था। तब प्रधानमंत्री मोदी पर यह आरोप लगे थे कि जब देश में इतना बड़ा आतंकवादी हमला हुआ हो तो देश का प्रधानमंत्री वीडियो शूटिंग में कैसे व्यस्त रह सकते हैं। कांग्रेस ने तब प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कई सवाल उठाए थे। इसने पूछा था कि पुलवामा हमले के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ़िल्म शूटिंग क्यों करते रह गए, जिम कार्बेट में घूमते और नौका विहार क्यों करते रहे? कांग्रेस का कहना था कि जब जवानों के शव गिने जा रहे थे तब प्रधानमंत्री नौका विहार कर घड़ियाल देख रहे थे।
कांग्रेस के सवालों से खलबलाई सरकार में ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिशें शुरू हुईं तो बड़े रहस्यमय तरीक़े से कुछ टीवी चैनलों और वेबसाइटों पर यह ख़बर चली कि प्रधानमंत्री मोदी पुलवामा हमले की जानकारी देर से मिलने से बहुत नाराज़ हैं और उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से पूछा है कि समय से उन्हें इस घटना की ख़बर क्यों नहीं मिल पाई। लेकिन जितने रहस्यमय ढंग से यह ख़बर ब्रेक हुई थी, थोड़ी देर बाद उतने ही रहस्यमय तरीक़े से सारे चैनलों से ग़ायब भी हो गई थीं। दरअसल, जैसे ही यह ख़बर चली कि प्रधानमंत्री को पुलवामा हमले की सूचना मिली ही नहीं थी तो सोशल मीडिया पर लोग कूद पड़े थे कि अगर वाक़ई प्रधानमंत्री को इतनी गंभीर घटना की जानकारी कई घंटों तक नहीं मिली तब तो यह देश की सुरक्षा के लिए और भी गंभीर सवाल है।
तब इस बात पर भी सवाल उठे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 बजकर 13 मिनट पर उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक सभा को टेलीफ़ोन से संबोधित भी किया था। दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल पर प्रधानमंत्री के इस भाषण का प्रसारण भी किया गया था। हैरानी की बात यह है कि जब दूरदर्शन प्रधानमंत्री मोदी की रुद्रपुर सभा का सीधा प्रसारण कर रहा था, उसी समय उसकी स्क्रीन पर नीचे पुलवामा में हुए हमले की ख़बर भी चल रही थी।
सवाल यह उठा था कि पुलवामा हमले के कई घंटे बाद तक प्रधानमंत्री मोदी को पुलवामा हमले की जानकारी नहीं थी? बता दें कि जब पुलवामा में हमला हुआ था तो इसके कुछ ही मिनटों के अंदर यह ख़बर पूरे देश में न्यूज़ चैनलों, हज़ारों वेबसाइटों और सोशल मीडिया की लाखों पोस्टों के ज़रिये देश के हर उस आदमी तक पहुँच चुकी थी जिसके हाथ में एक स्मार्टफ़ोन रहा होगा। इसी बात को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा गया था कि उन्हें यह जानकारी कैसे नहीं मिली थी।
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