एक स्त्री के 'चयन का अधिकार' तभी तक बड़ाई के क़ाबिल है, जब तक वह किसी न किसी धर्म की रूढ़ियों के पैरों तले है और उसके पीछे समर्थन-अनुमोदन करती उन्मादी धार्मिकों की एक भीड़ खड़ी है। ऐसे में महिलाएँ कितनी आज़ाद हैं?
बंगाल में बीजेपी के ‘जय श्री राम’ की चुनौती का जवाब तृणमूल ने ‘जय माँ दुर्गा’ से दिया। बंगाल की राजनीति में हमें ये दोनों प्रतीक आमने-सामने खड़े दिख रहे हैं।